UP VidhanMandal Monsoon Session 2025 : विधानमंडल का मानसून सत्र 11 अगस्त से, इस बार सत्र की अवधि एक सप्ताह से कम रहने के आसार
UP VidhanMandal Monsoon Session 2025 नियमानुसार पांच सितंबर से पहले नए सत्र का आयोजन हर हाल में जरूरी था। इसी कारण सरकार ने 11 अगस्त से सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। सरकार सत्रावसान के बाद जारी किए गए अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक भी मानसून सत्र में पास कराएगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : विधानमंडल का मानसून सत्र इस बार 11 अगस्त से शुरू होगा। कैबिनेट ने सत्र बुलाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस बार सत्र की अवधि एक सप्ताह से कम रहने के आसार हैं। राज्य विधानमंडल के वर्ष 2025 के द्वितीय सत्र यानी मानसून सत्र की तारीखों की औपचारिक घोषणा हो चुकी है।
सरकार बजट सत्र के बाद जारी अध्यादेश व कुछ विधेयकों को मानसून सत्र में पारित कराएगी। सत्र में सीएजी की सात रिपोर्ट भी रखी जाएंगी। इन रिपोर्ट को विधानमंडल के दोनों सदनों में रखने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।
नियमावली के अनुसार, एक सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच अधिकतम अंतर छह माह का हो सकता है। चूंकि बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होकर पांच मार्च को स्थगित हुआ था। 12 मार्च को सत्रावसान की अधिसूचना जारी की गई थी। नियमानुसार पांच सितंबर से पूर्व नए सत्र का आयोजन हर हाल में जरूरी था। इसलिए सरकार ने 11 अगस्त से सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। सरकार सत्रावसान के बाद जारी किए गए अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक भी मानसून सत्र में पास कराएगी।
नगर विकास विभाग को मुफ्त मिलेगी ग्राम समाज की जमीन
प्रदेश सरकार शहरी लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए नगर विकास विभाग को ग्राम समाज की जमीन मुफ्त में देगी। इसके लिए नगर विकास विभाग को सेवारत विभाग का दर्जा देने का निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। अब ग्राम समाज की जमीन पांच साल तक नगर विकास विभाग को मुफ्त में दी जा सकेगी।
इस जमीन पर नगरीय परिवहन, पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि की सुविधाएं देने की व्यवस्था की जाएगी। नगर विकास विभाग से संचालित पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन और नगरीय परिवहन के लिए पांच साल तक मुफ्त जमीन देने का आदेश राजस्व विभाग ने 17 जून 2011 को जारी किया था। ये आदेश जून 2016 में समाप्त हो गया था।
इसी तरह सात मार्च 2019 को इस संबंध में जारी आदेश मार्च 2024 में समाप्त हो गया है। इन आदेश की समय सीमा समाप्त होने के कारण स्वच्छ भारत मिशन और अमृत योजना में केंद्र सरकार से स्वीकृत कार्यों को पूरा दिक्कत आने लगी थी। इससे पेयजल परियोजनाओं के लिए ओवरहेड टैंक बनाने, टयूबवेल लगाने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए लैंडफिल साइट बनाने, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करने में दिक्कत आने लगी। इसी के चलते नगर विकास विभाग को सेवारत विभाग मानते हुए ग्राम समाज की जमीन मुफ्त देने का फैसला किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।