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    UP VidhanMandal Monsoon Session 2025 : श्री बांके बिहारी जी मंंदिर न्यास विधेयक विधानमंडल से पास,

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 11:42 AM (IST)

    Shri Banke Bihari Ji Mandir Trust Bill Passed न्यास मंदिर का सर्वांगीण विकास व समुचित प्रबंधन करेगा। मंदिर के चढ़ावे दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश आने तक अध्यादेश के तहत न्यास के गठन पर फिलहाल रोक लगा रखी है।

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    श्री बांके बिहारी जी मंंदिर न्यास विधेयक विधानमंडल से पास

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : समाजवादी पार्टी के बहिर्गमन के बीच गुरुवार को विधानमंडल से उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक 2025 पास हो गया। राज्यपाल की हरी झंडी मिलते ही यह अधिनियम लागू हो जाएगा।

    विधेयक में स्पष्ट है कि न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा। स्वामी हरिदास के समय से चले आ रहे रीति-रिवाज, त्योहार, समारोह और अनुष्ठान बिना किसी हस्तक्षेप या परिवर्तन के जारी रहेंगे।

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    कोर्ट का आदेश आने तक अध्यादेश के तहत न्यास के गठन पर फिलहाल रोक

    न्यास मंदिर का सर्वांगीण विकास व समुचित प्रबंधन करेगा। मंदिर के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश आने तक अध्यादेश के तहत न्यास के गठन पर फिलहाल रोक लगा रखी है। तब तक मंदिर का प्रबंधन संभालने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस अशोक कुमार की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय हाईपावर कमेटी का गठन किया गया है।

    विधानमंडल के दोनों सदनों ने कर दिया पारित

    26 मई से लागू श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश, 2025 के स्थान पर सरकार यह विधेयक लेकर आई थी जिसे गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों ने पारित कर दिया। विधेयक के अनुसार मंदिर के चढ़ावे, दान और चल-अचल संपत्तियों में मंदिर में स्थापित मूर्तियां, उसके परिसर और सीमा के भीतर देवताओं के लिए दी गई भेंट/उपहार, किसी भी पूजा-सेवा-कर्मकांड-समारोह-धार्मिक अनुष्ठान के समर्थन में दी गई संपत्ति, नकद या वस्तु, मंदिर परिसर के उपयोग के लिए डाक/तार से भेजे गए बैंक ड्राफ्ट और चेक तक शामिल हैं।

    मंदिर की संपत्तियों में आभूषण, अनुदान, योगदान, हुंडी संग्रह सहित श्री बांके बिहारी जी मंदिर की सभी चल व अचल संपत्तियां शामिल मानी जाएंगी। विधेयक के अनुसार न्यास दर्शन का समय भी तय करेगा। पुजारियों की नियुक्ति करेगा और वेतन व भत्ते आदि निर्धारित करेगा। भक्तों और आगंतुकों की सुरक्षा तथा मंदिर के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी न्यास की होगी। न्यास के गठन के बाद श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। न्यास की बैठक हर तीन महीने में अनिवार्य होगी।

    दो अन्य विधेयक भी विधानमंडल से हुए पास

    विधानमंडल से उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक 2025 तथा उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2025 भी पास हुआ। राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध विधेयक के पास हो जाने से अब राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए जीएसडीपी का तीन प्रतिशत की जगह साढ़े तीन प्रतिशत तक कर्ज ले सकेगी। कर्ज की सीमा आधा फीसदी बढ़ने से ही राज्य सरकार अब करीब 15 हजार करोड़ रुपये अधिक ऋण ले सकेगी। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2025 के पास हो जाने से आयोग की परीक्षाओं में पेपर लीक पर रोक लगेगी। प्रश्न पत्र चार सेट में तैयार किए जाएंगे। प्रश्न पत्र की सुरक्षा और गोपनीयता दोनों मजबूत होगी।