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    UP Vidhan Parishad: भाजपा के कुंवर मानवेंद्र कार्यकारी सभापति, सपा का आरोप-भाजपा ने की बेईमानी

    Action Sabhapati of UP Vidhan Parishad भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्य कुंवर मानवेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के कार्यकारी सभापति होंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को रविवार को राजभवन में विधान परिषद के लिए कार्यकारी सभापति की शपथ दिलाई।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 31 Jan 2021 03:18 PM (IST)
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    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को विधान परिषद के लिए कार्यकारी सभापति की शपथ दिलाई

    लखनऊ, जेएनएन। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को राजभवन में नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्य भारतीय जनता पार्टी के कुंवर मानवेंद्र सिंह को विधान परिषद के कार्यकारी सभापति की शपथ दिलाई। विधान परिषद के सभापति समाजवादी पार्टी के रमेश यादव का 30 जनवरी को कार्यकाल समाप्त होने के बाद से यह पद खाली हो गया था।

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    भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्य कुंवर मानवेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के कार्यकारी सभापति होंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को रविवार को राजभवन में विधान परिषद के लिए कार्यकारी सभापति की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता सहित राजभवन में तैनात अन्य अधिकारी मौजूद थे। परिषद के मौजूदा सभापति रमेश यादव का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया। उनके स्थान पर सभापति की नियुक्ति न होने पर समाजवादी पार्टी ने राजभवन का दरवाजा खटखटाया था।

    अनुभवी व वरिष्ठ मानवेंद्र सिंह सदन के संचालन में अपनी कुशलता साबित भी कर चुके हैं।कुंवर मानवेंद्र सिंह विधान परिषद के प्रोटेम स्पीकर बनाए गए हैं। कुंवर मानवेंद्र सिंह बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा के काफी जुझारू नेता माने जाते हैं। झांसी निवासी कुंवर मानवेंद्र सिंह अब विधान परिषद की कार्यवाही का संचालन करेंगे। 

    झांसी निवासी कुंवर मानवेंद्र सिंह पार्टी के बहुत पुराने नेता हैं। उनको तो बुंदेलखंड में भाजपा की जड़ माना जाता है। वह 1980 में झांसी के भाजपा जिला अध्यक्ष बने। 1985 में भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए। वह भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद लगातार दो सत्र भाजपा से विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वह राजनाथ सिंह की सरकार के समय विधान परिषद के कार्यवाहक सभापति के पद पर भी रहे हैं। 

    उत्तर प्रदेश में भाजपा ने करीब 20 वर्ष तक सत्ता से बाहर रहने के कारण कुंवर मानवेंद्र सिंह ने भी 20 वर्ष का वनवास काटा था। वह अभी बुंदेलखंड विकास बोर्ड के चेयरमैन हैं। उनको मिला यह पद कैबिनेट मंत्री का दर्जा वाला होता है। इससे पहले तक यह पद हमेशा मुख्यमंत्री के पास रहा है। मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इनको विशेष यह विशेष पद सौंपा था। इनको तो सीएम योगी आदित्यनाथ का बेहद विश्वासपात्र माना जाता है। 

    सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाना प्राथमिकता

    प्रोटेम स्पीकर कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि हमको जो जिम्मेदारी मिली है उसको निष्ठा व ईमानदारी से निभाएंगे। हमारी प्राथमिकता सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने की है। इसी पर हमारा जोर रहेगा। नियुक्ति पर सवाल उठने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम तो विरोध करना ही है। यह लोग राजनीति के तहत विरोध कर रहे है। हमारी यह नियुक्ति अलोकतांत्रिक ढंग से नहीं हुई है। स्पीकर का पद खाली होने के बाद हमको प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। 

    अहमद हसन को दिलाई शपथ

    कुंवर मानवेंद्र सिंह ने रविवार को राज्यपाल से प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य तथा नेता विरोधी दल अहमद हसन को पद- गोपनीयता शपथ दिलाई।

    समाजवादी पार्टी का आरोप-भाजपा ने की बेईमानी

    कुंवर मानवेंद्र सिंह के विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष का पद संभालते ही समाजवादी पार्टी ने कहा कि भाजपा ने प्रोटेम स्पीकर इसलिए नियुक्त करवा लिया क्योंकि यह चुनाव नहीं कराना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी प्रवक्ता सुनील साजन ने आरोप लगाया कि नियमों को ताक में रखकर भाजपा ने अपना प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करवा लिया। इससे साफ होता है कि भाजपा चुनाव नहीं कराना चाहती है, क्योंकि विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के पास का बहुमत है। सपा प्रवक्ता तथा विधान परिषद सदस्य साजन ने तो राजभवन को ही बेईमान बता दिया। उन्होंने कहा कि अगर संवैधानिक पद पर बैठे लोग ही संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाएंगे तो फिर बचेगा क्या। समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद के सभापति पद के लिए चुनाव की मांग की थी। समाजवादी पार्टी के रमेश यादव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी अपना ही सभापति चाहती है। इसकी मांग को लेकर शनिवार को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राजभवन गया था, लेकिन उसकी राज्यपाल से भेंट नहीं हो सकी। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में समाजवादी पार्टी का बहुमत है। सौ सदस्यों में समाजवादी पार्टी के 51 सदस्य हैं जबकि भाजपा के 32 सदस्य हैं।

    प्रोटेम स्पीकर का काम

    आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष ) का चुनाव कराना होता हैं। जब प्रोटेम स्पीकर के जरिए फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है तो उसका रोल काफी महत्वपूर्ण हो जाता हैं। आमतौर पर सबसे वरिष्ठ या सर्वाधिक बार चुनाव जीतने वाले को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। राज्यपाल इसे माने यह जरूरी नहीं है।