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    15 दिसंबर से शुरू हो सकता विधानमंडल का शीतकालीन सत्र, पंचायत चुनाव के मद्देनजर अनुपूरक बजट लाने की तैयारी

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:06 AM (IST)

    विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। सरकार इसकी तैयारियों में जुटी है और इस बार सत्र की अवधि कम रहने की उम्मीद है। पिछले वर्ष भी शीतकालीन सत्र केवल चार दिन चला था। इस सत्र में अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी है।    

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होने की उम्मीद है। सरकार इसकी तैयारियों में जुट गई है। इस बार सत्र की अवधि कम रहने की संभावना है। पिछले वर्ष भी केवल चार दिन शीतकालीन सत्र चला था। सरकार अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी में है।

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    इसमें ग्रामीण विकास, स्वच्छ पेयजल, आवास, सड़क निर्माण जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दिए जाने की उम्मीद है। अनुपूरक बजट में पंचायत स्तर पर रोजगार, महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा और डिजिटल पंचायत जैसी योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। सरकार की कोशिश आगामी चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का संदेश देने की है।

    अगस्त में हुआ था विधानमंडल का मानसून सत्र

    विधानमंडल का मानसून सत्र अगस्त में हुआ था। इसके बाद से अब तक प्रदेश सरकार आठ अध्यादेश ला चुकी है। इनमें उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (पंचम संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रविधानों का संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश व उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश शामिल हैं।

    सरकार इनसे संबंधित विधेयक भी शीतकालीन सत्र में ला सकती है। इसके अलावा कुछ और विधेयक व संकल्प लाने की तैयारी है। सदन का पहला दिन शोक प्रकट कर स्थगित हो जाएगा। मऊ जिले की घोसी विधान सभा सीट के सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन 20 नवंबर को हो चुका है।

    शीतकालीन सत्र में ही सरकार संभल में नवंबर 2024 में हुई हिंसा की जांच रिपोर्ट भी पेश कर सकती है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को सौंपी गई थी।