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    यूपी में पुराने भवनों के लिए बनेगी शहरी पुनर्विकास नीति, सीएम योगी ने दिए कैबिनेट में पेश करने के निर्देश

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 05:29 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार पुराने भवनों के पुनरुद्धार के लिए शहरी पुनर्विकास नीति लाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे कैबिनेट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। नीति का उद्देश्य जर्जर भवनों को नया जीवन देना, शहरों को सुंदर बनाना और सुरक्षित आवास प्रदान करना है। यह निजी और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देगी और निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 25 वर्ष से अधिक पुराने जर्जर असुरक्षित बड़े भवन व अपार्टमेंट के लिए राज्य में जल्द शहरी पुनर्विकास नीति लागू होगी। मुंबई, गुजरात, एमपी व तमिलनाडु के तर्ज पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा प्रस्तावित नीति का मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया गया।

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    योगी ने कहा कि नगरों के तेजी से बदलते विकास स्वरूप को देखते हुए शहरी पुनर्विकास नीति जरूरी है। नीति केवल भवनों के पुनर्निर्माण तक सीमित न रहकर शहरों के समग्र पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे नगर केवल इमारतों का समूह नहीं, बल्कि जीवंत सामाजिक संरचनाएं हैं।

    इनके पुनर्जीवन के लिए ऐसी नीति आवश्यक है जो आधुनिकता, परंपरा और मानवता तीनों का संतुलित समन्वय करे। योगी ने निर्देश दिए कि नई नीति के मसौदे को जनप्रतिनिधियों, नगर निकायों और आम नागरिकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर अंतिम रूप देकर कैबिनेट से मंजूरी के लिए जल्द प्रस्तुत किया जाए।

    आवास विभाग के मंत्री पद का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री ने विभागीय बैठक में कहा कि नई नीति का उद्देश्य पुराने, जर्जर और अनुपयोगी क्षेत्रों को आधुनिक शहरी बुनियादी ढांचे, पर्याप्त सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय संतुलन के साथ विकसित करना है। उन्होंने कहा कि नीति में ऐसे प्रविधान किए जाएं जिनसे निवास योग्य, सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित नगरों का निर्माण सुनिश्चित हो।

    योगी ने निर्देश दिए कि नीति में भूमि पुनर्गठन, निजी निवेश को प्रोत्साहन, पारदर्शी पुनर्वास व्यवस्था और प्रभावित परिवारों की आजीविका की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। हर परियोजना में ''''जनहित सर्वोपरि'''' की भावना हो तथा किसी की संपत्ति या जीविका पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके लिए न्यायसंगत और मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए।

    नई नीति में राज्य स्तरीय पुनर्विकास प्राधिकरण, परियोजनाओं की सिंगल विंडो अप्रूवल प्रणाली तथा पीपीपी माडल को प्राथमिकता दी जाए। निवेशकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश, प्रोत्साहन और सुरक्षा दी जाए ताकि निजी क्षेत्र पुनर्विकास में सक्रिय भागीदारी कर सके। साथ ही हर परियोजना में हरित भवन मानक, ऊर्जा दक्षता और सतत विकास के प्रावधान अनिवार्य किए जाएं।

    योगी ने निर्देश दिए कि नीति में जर्जर सरकारी आवासों, पुरानी हाउसिंग सोसाइटियों तथा अतिक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुराने बाजारों, सरकारी आवास परिसरों, औद्योगिक क्षेत्रों और अनधिकृत बस्तियों के लिए क्षेत्रवार अलग रणनीति तैयार की जाए।