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    UP में यूनिवर्सिटी और डिग्री कालेजों के स्टूडेंट्स अब पढ़ सकेंगे NCC, वैकल्पिक विषय के रूप में होगा लागू

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 10 Aug 2021 05:28 PM (IST)

    यूपी के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में एनसीसी की पढ़ाई होगी। अगले शैक्षिक सत्र से इसे वैकल्पिक विषय में लागू किया जाएगा इसका पेपर 12 क्रेडिट का होगा। एनसीसी का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अगुवाई में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

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    उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में एनसीसी की पढ़ाई होगी।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की पढ़ाई होगी। अगले शैक्षिक सत्र से इसे वैकल्पिक विषय में लागू किया जाएगा, इसका पेपर 12 क्रेडिट का होगा। एनसीसी का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अगुवाई में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। शुरुआत में यह विषय सिर्फ एनसीसी कैडेट के लिए उपलब्ध होगा, जबकि आगे इसे सभी छात्र-छात्राओं के लिए लागू किया जाएगा।

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    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि संस्थानों की पाठ्यचर्या से छात्रों में मौलिक व सांविधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़नी चाहिए। छात्रों में भारतीय होने का गर्व सिर्फ विचार ही में न हो बल्कि व्यवहार, बुद्धि व कार्य में भी दिखाई पड़े। इसी को देखते हुए सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थानों में एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है, ताकि छात्रों में अनुशासन, देश प्रेम की भावना विकसित हो। मेधावी विद्यार्थी इसे लेने से बचते हैं, इसलिए वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जा रहा है।

    अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए निदेशक उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में राज्य समिति गठित की गई है, इसमें एनसीसी निदेशालय, राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम समिति के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। समिति जल्द ही पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगी। विश्वविद्यालयों की ओर से एनसीसी विषय के लिए बनाई गई विद्वत सभा में एडीजी एनसीसी निदेशालय उत्तर प्रदेश की ओर से नामित एक सदस्य व कुलपति की ओर से एक एएनओ को शामिल किया जाएगा।

    मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि सभी छात्रों को यह विषय पढ़वाने के लिए आगे पाठ्यक्रम भी संशोधित होगा। उन्होंने राज्य विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति का निर्देश दिया है कि अगले शैक्षिक सत्र से इसे लागू कराने के लिए जरूरी कार्यवाही पूरी कराएं।