UP Transport Department : लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस में चालक का नाम ‘फ्रॉड सेल' और पिता का नाम 'पेमेंट मत कर'
Casual Approach of UP Transport Department परिवहन विभाग की अधिकांश सेवाओं में अब आरटीओ कार्यालय के हस्तक्षेप को खत्म कर दिया गया है। इसमें लर्निंग लाइसेंस भी शामिल है। लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदक को सारथी पोर्टल पर आवेदन की करना होता है। इसमें आधार कार्ड ही इकलौता दस्तावेज है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के आनलाइन लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की प्रक्रिया में तरह-तरह के प्रकरण सामने आ रहे हैं। इसके बाद लोग कभी साइबर कैफे तो कभी आरटीओ तो कभी एआरटीओ के दफ्तर का चक्कर लगाते घूम रहे हैं। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने एनआइसी से इसकी जांच करके रिपोर्ट मांगा है और इन खामियों को दूर करने का निर्देश दिया है।
ताजा प्रकरण फतेहपुर के धीरेंद्र कुमार है, उनके आधार कार्ड में नाम सही है, युवक ने लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब फाइनल प्रिंट चेक किया तो अवाक रह गया। डीएल में आवेदक के नाम की जगह पर फ्रॉड सेल (FROUD SALE और पिता राम आसरे की जगह पर PAYMENT MAT KAR ASRE दर्ज मिला। तीन महीने तक आरटीओ और साइबर कैफे के चक्कर लगाने के बाद आवेदक ने अब आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत किया है।
परिवहन विभाग की अधिकांश सेवाओं में अब आरटीओ कार्यालय के हस्तक्षेप को खत्म कर दिया गया है। इसमें लर्निंग लाइसेंस भी शामिल है। लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदक को सारथी पोर्टल पर आवेदन की करना होता है। इसमें आधार कार्ड ही इकलौता दस्तावेज है। आधार कार्ड पर लिखा नाम और पता ही लर्निंग लाइसेंस पर दर्ज होता है।
फतेहपुर के आवेदक धीरेंद्र कुमार ने 15 अप्रैल को लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। गड़बड़ी मिलने पर वह एआरटीओ कार्यालय फतेहपुर पहुंचे, वहां से कोई मदद नहीं मिली। अब उन्होंने आइजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराया है। लर्निंग डीएल में मृतक का लाइसेंस जारी होने के अलावा नाम में गड़बड़ी, अवधि में खामी सहित कई मामले सामने आ चुके हैं। परिवहन विभाग मुख्यालय अफसर भी हैरान हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।