Immigration: ककरहवा सीमा पर इमीग्रेशन कार्यालय खोलने के प्रयास तेज, केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मिले जयवीर सिंह
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मिलकर कपिलवस्तु में इमिग्रेशन कार्यालय खोलने पर जोर दिया। उन्होंने बौद्ध सर्किट के विकास और राज्य की 12 पर्यटन परियोजनाओं के प्रस्ताव भी दिए जिनमें कालिंजर किले का विकास और पिपरहवा में बौद्ध अवशेषों का संरक्षण शामिल है। उन्होंने 2025-26 में राज्य के लिए अधिक पर्यटन परियोजनाएं प्रदान करने का अनुरोध किया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि कपिलवस्तु तक पहुंचने के लिए ककरहवा सीमा पर इमीग्रेशन का कार्यालय खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में सोमवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले कपिलवस्तु पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
ककरहवा बार्डर पर भारत सरकार का कोई इमीग्रेशन कार्यालय न होने के कारण विदेशी पर्यटकों को कपिलवस्तु पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री ने इस बाबत विदेश मंत्रालय से बात करने का भरोसा दिया है।
उन्होंने बताया कि राज्य की 12 पर्यटन योजनाओं के संदर्भ में भी केंद्रीय मंत्री को प्रस्ताव दिए गए हैं। इनमें कालिंजर एवं तालबेहट किलों के आसपास पर्यटन विकास, अल्पज्ञात स्थलों के संवर्धन, वे-साइब एमेनिटीज की व्यवस्था और पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की प्रासाद योजना के अंतर्गत मथुरा के गोवर्धन में पर्यटन विकास परियोजना प्रमुख है।
इसके अलावा, वर्ष 1898 में सिद्धार्थनगर में स्थित पिपरहवा से प्राप्त बौद्ध अस्थियां एवं अवशेषों को पिपरहवा में भव्य स्तूपनुमा भवन बनाकर संरक्षित करने का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री को दिया है।
उन्होंने बताया कि कालिंजर किला में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था, कालिंजर एवं तालबेहट किलों को राज्य सरकार को स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव भी दिया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग-25 पर कुशीनगर-गया रोड पर वे-साइड एमेनिटीज को पर्यटन विभाग को सौंपने संबंधी कार्यवाही पूरी कर ली गई है।
पर्यटन मंत्री ने भारत सरकार के आईकॉनिक डेस्टिनेशन के अन्तर्गत वर्ष 2025-26 में राज्य के क्षेत्रफल एवं सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत दो से अधिक प्रोजेक्ट प्रदान किए जाने की मांग की है।
वहीं, भारत सरकार की टैगोर कल्चरल काम्प्लेक्स योजना के अन्तर्गत गौतमबुद्ध नगर में सांस्कृतिक संकुल केंद्र के निर्माण, लखनऊ के चारबाग स्थित रवींद्रालय प्रेक्षागृह को नए सिरे से विकसित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है।
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