पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में यूपी पहले स्थान पर, अब तक 250 करोड़ रुपये का अनुदान जारी हुआ
उत्तर प्रदेश ने पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जहाँ ऋण स्वीकृति दर 98% रही। खाद्य उत्पादों पर जीएसटी घटने से मांग बढ़ी है। बैठक में बैंकों को कार्य योजना सुधारने के निर्देश दिए गए और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने की बात हुई। योजना में 35% तक अनुदान और 10000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएम-एफएमई) योजना में उत्तर प्रदेश ने देश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रदेश में बैंकों द्वारा आवेदनों की ऋण स्वीकृति दर 98 प्रतिशत रही है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 80 प्रतिशत है।
साथ ही यूपी में टर्म लोन स्वीकृति की औसत अवधि 100 दिन है, जो अन्य राज्यों के मुकाबले 50 दिन कम है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य उत्पादों पर कम हुई जीएसटी दरों से मांग बढ़ी है और उद्योग को नई ऊर्जा मिली है।
बुधवार को अपर मुख्य सचिव (उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण) बीएल मीणा की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में भारत सरकार और बैंकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में कार्य योजना का मानक पूरा न करने पर एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के जोनल अधिकारियों को भारत सरकार के वित्त विभाग को पत्र भेजने के निर्देश दिए गए।
वहीं अयोध्या, सुल्तानपुर, कौशांबी और प्रयागराज के अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देने पर सहमति बनी। योजना के तहत परियोजना लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये) तक अनुदान दिया जाता है।
अब तक प्रदेश में 400 से अधिक उद्यमियों की 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत वाली परियोजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से 60 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं। अभी तक 250 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया जा चुका है। विशेष रूप से बरेली, रामपुर और शाहजहांपुर में देश-विदेश के युवा उद्यमी जमीन खरीदकर या लीज पर लेकर आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर रहे हैं।
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