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    उत्तर प्रदेश सरकार लाएगी नई आयुष पॉलिसी, राज्य को बनाया जाएगा रिसर्च और उद्योग का वैश्विक हब

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:57 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार आयुष सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी लाने की तैयारी में है। इसका लक्ष्य प्रदेश को आयुष रिसर्च का हब बनाना और निवेश को आकर्षि ...और पढ़ें

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    योगी आदित्यनाथ सरकार नई आयुष पॉलिसी से प्रदेश में आयुष उद्योग को देगी रफ्तार 

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) सेक्टर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही नई आयुष पॉलिसी लाने की तैयारी में है। इस महत्वाकांक्षी नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को आयुष रिसर्च का हब बनाना और आयुष उद्योग के लिए एक मजबूत निवेश-अनुकूल ढांचा तैयार करना है।

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    प्रमुख सचिव, आयुष, रंजन कुमार ने बताया कि इस पॉलिसी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, ताकि पूरे देश में आयुष क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की धाक बन सके और निवेशक राज्य की ओर रुख करें। यह नीति न केवल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नया आयाम देगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

    निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रियायतों की बौछार

    नई आयुष पॉलिसी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक प्रोत्साहन शामिल किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य आयुष उद्योग के विस्तार में तेजी लाना है।

    • वित्तीय प्रोत्साहन: निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
    • भूमि संबंधी छूट: भूमि की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में विशेष छूट दी जाएगी।
    • ग्रीन फील्ड पर विशेष ध्यान: नए ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त छूट देने की योजना है।

    इन रियायतों का मकसद आयुष दवाओं की जांच और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना और प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले आयुष अस्पतालों के निर्माण को गति देना है।

    पारंपरिक पद्धतियों और पीपीपी मॉडल पर फोकस

    पॉलिसी में आयुष की पारंपरिक और प्राचीन पद्धतियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो सके:

    1. वेलनेस सेंटर: पंचकर्म, नेचुरोपैथी और अन्य वेलनेस सेंटरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे आयुष कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
    2. पीपीपी मॉडल: स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर आयुष अस्पतालों के निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा।
    3. शिक्षा और रोजगार: आयुष अस्पतालों के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु आयुर्वेद, योग, और होम्योपैथी से संबंधित नए कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिससे युवाओं के लिए बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

    प्रमुख सचिव ने बताया कि नीति का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य औषधीय गुणों को बेहतर करना और रोगियों के उपचार के लिए सुगम स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, आयुष चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें आयुष वेलनेस सेंटर के रूप में पेश करने का प्रयास किया जाएगा।

    देश और दुनिया में यूपी बनेगा अग्रणी राज्य

    सीएम योगी की इस पहल को राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप एक समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आयुष विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस नीति से न केवल प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि दुनिया भर में फैले इस उद्योग के कारोबार पर उत्तर प्रदेश अपनी मजबूत धाक जमाने का सपना भी पूरा करेगा।

    यह नीति प्रदेश के विकास में योगदान करते हुए उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की नींव रखेगी, जो स्वास्थ्य और समृद्धि के नए द्वार खोलेगी।