जापान की साझेदारी से यूपी बनेगा ग्रीन हाइड्रोजन का हब, उत्कृष्टता केंद्र स्थापना पर हुई चर्चा
उत्तर प्रदेश सरकार जापान के सहयोग से प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन का केंद्र बनाने की योजना बना रही है। इसके लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, जो अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ावा देगा। इस साझेदारी से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, कार्बन उत्सर्जन कम होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जापान के साथ साझेदारी से उत्तर प्रदेश को हरित हाइड्रोजन का हब बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए जापान के यामानाशी प्रान्त के साथ मिलकर हरित हाइड्रोजन का एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र पर गुरुवार को इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों और यूनिवर्सिटी आफ यामानाशी और यामानाशी प्रान्त सरकार के प्रतिनिधियों के बीच एक उच्च-स्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।
बैठक में दोनों पक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान, नवाचार को बढ़ावा देने और आधुनिक हाइड्रोजन तकनीक विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर कार्ययोजना को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।
सीओई एक बहु-उद्देशीय केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इसमें भारत के अग्रणी संस्थान और तकनीकी विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यूनिवर्सिटी आफ यामानाशी इसमें तकनीकी भागीदार की भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, कई उद्योग हितधारक और स्टार्टअप परीक्षण में योगदान देंगे। यह केंद्र मुख्य रूप से हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण और वितरण प्रणालियों के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा-आधारित माइक्रोग्रिड और हाइड्रोजन वैल्यू चेन की व्यापक तकनीकी पर केंद्रित होगा।

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