अगले तीन साल में यूपी को ऊर्जा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी, बंजर भूमि पर पैदा होगी 2000 मेगावाट बिजली
यूपी सरकार ने अगले तीन साल में राज्य को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। पीएम कुसुम योजना के तहत 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण किया है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य न केवल प्रदेश में बिजली की मांग को शत प्रतिशत पूरा करना है, बल्कि राज्य को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना भी है।
सौर ऊर्जा के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने पीएम सूर्यघर योजना के तहत अगले ढाई से तीन वर्षों में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है।
48 हजार से अधिक घरों में लगे सोलर पैनल
अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक और 30 हजार घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा। इस योजना का उद्देश्य न केवल ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली बिल में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना है।\
इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना के तहत 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसानों को उनकी बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के साथ ही अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त हो सकेगा।
राज्य सरकार सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है। इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
इसके अलावा, प्रदेश में सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना भी है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) और सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है।
जैव ऊर्जा के साथ ही पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही सरकार
प्रदेश सरकार ने अगले दो वर्ष में बायो कंप्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। बायो कंप्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं।
इस पहल से प्रदेश में प्रदूषण कम होगा और रोजगार की नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इसके साथ ही भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। अगले 10 वर्षों के दौरान होने वाले नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने का पूरा खाका योगी सरकार ने पहले ही खींच रखा है।
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