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    यूपी के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए खुशखबरी! अब पढ़ाई के साथ नौकरी की भी गारंटी, योगी सरकार का ये है प्लान

    Updated: Fri, 02 May 2025 02:51 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाया जाएगा। छात्रों को इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के अवसर मिलेंगे। बस्ती गोंडा मिर्जापुर और प्रतापगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज अगले सत्र से परिसरों में चलेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीकी शिक्षा की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से आईटीआई को आधुनिक बनाया गया है और छात्रों के लिए प्लेसमेंट भी बढ़ा है।

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    हर छात्र को मिले रोजगार की गारंटी, उद्योगों से जुड़े तकनीकी शिक्षा: सीएम। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा को पूरी तरह रोजगारोन्मुख बनाया जाएगा, जिससे हर विद्यार्थी को उद्योगों से जुड़ने का अवसर मिलेगा। अब तकनीकी की पढ़ाई केवल डिग्री तक सीमित नहीं रहेगी। हर छात्र को इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप का अवसर भी मिलेगा।

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    अगले सत्र से बस्ती, गोंडा, मीरजापुर और प्रतापगढ़ के नवस्थापित इंजीनियरिंग कालेज अपने परिसरों से संचालित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कालीदास मार्ग स्थित आवास पर तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा की समीक्षा बैठक में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्देश दिए।

    सीएम योगी ने की बैठक

    प्रदेश में 324 सरकारी और 2982 निजी आइटीआइ चल रही हैं। टाटा टेक्नोलाजी के सहयोग से 212 सरकारी आईटीआई को अत्याधुनिक बनाया गया है। 2024-25 में 1.25 लाख युवाओं को अप्रेंटिसशिप और रोजगार मिला है, और 30 हजार से अधिक छात्रों ने पीएम इंटर्नशिप योजना में आवेदन किया है।

    वहीं, तकनीकी संस्थानों का प्लेसमेंट भी बढ़ा है। डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में इस वर्ष 1.64 लाख छात्रों का नामांकन हुआ है और अधिकतम पैकेज 59.91 लाख रुपये सालाना मिला है। एमएमएमयूटी विश्वविद्यालय गोरखपुर में भी छात्रों को 52 लाख रुपये तक के पैकेज मिले हैं।

    सीएम योगी ने दिए ये निर्देश

    प्रदेश की तकनीकी शिक्षा और संस्थानों की प्रगति के इन आंकड़ों को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राजकीय और अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थानों की तरह निजी संस्थानों को भी राज्य संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एसआइआरएफ) में शामिल किया जाए, ताकि सभी जगह गुणवत्ता बनी रहे।

    एनबीए, नैक और एनआइआरएफ रैंकिंग के लिए सभी संस्थानों को पूरी तैयारी के साथ आगे आने का सुझाव दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि प्रवेश लेने वाला कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति से वंचित न रहे।

    छात्रों को मिलेगा इंटर्नशिप का मौका

    मुख्यमंत्री का इस बात पर जोर रहा कि तकनीकी संस्थानों में शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और आत्मनिर्भरता का साधन बने। हर युवा को उसके कौशल के अनुसार अवसर मिलना चाहिए, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार हो सके। बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल भी उपस्थित रहे।

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