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    यूपी में टीचरों की ऑनलाइन हाजिरी की तैयारी हुई तेज, शिक्षक संघ ने विभाग से की ये मांग

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 07:47 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की तैयारी तेजी से चल रही है। सरकार स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। इस बीच, शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली को लागू करने से पहले शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को सुधारा जाए।

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    शिक्षकों की आनलाइन हाजिरी की तैयारी तेज।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी शुरू करने की तैयारी एक बार फिर तेज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद गठित 12 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट नवंबर के आखिरी सप्ताह तक आने की संभावना है। समिति की सिफारिशों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।

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    इस समय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज की जा रही है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके प्रति सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अब शिक्षकों की उपस्थिति को भी पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से विभाग ने अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) की अध्यक्षता में यह समिति गठित की है।

    समिति में वरिष्ठ अधिकारी और शिक्षा विशेषज्ञ के अलावा संभल, बाराबंकी, बस्ती, हरदोई और सीतापुर के शिक्षक नेता भी सदस्य हैं। यह समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसमें ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के तरीके और सुधार के सुझाव शामिल होंगे। समिति के गठन के बाद शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं।

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इसे शिक्षक हितों को ध्यान में रखकर लागू किया जाए। संघ का कहना है कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में महिला शिक्षकों को रोजाना लंबा और कठिन सफर तय करना पड़ता है।

    ऐसे में जाम, वाहन खराबी या स्वास्थ्य कारणों से 20-30 मिनट की देरी होने पर उन्हें अनुपस्थित न माना जाए। संगठन ने यह भी मांग की है कि शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की तरह 30 अर्जित अवकाश (ईएल), 14 आकस्मिक अवकाश (सीएल) और 14 आधे दिन के अवकाश (हाफ लीव) की सुविधा मिले।

    साथ ही स्थानांतरण, चयन वेतनमान, एरियर और अन्य देय भुगतान समय पर किए जाएं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यदि सरकार इन व्यावहारिक सुझावों को शामिल कर उपस्थिति व्यवस्था लागू करती है, तो यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व दोनों को मजबूत करेगी।