सीएम योगी के नेतृत्व में सुधर रहा ग्रामीण महिलाओं का जीवन स्तर, ज्वेलरी बनाकर हर महीने 15000 तक कमा रहीं सुशीला
उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले की सुशीला देवी का जीवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से बदल गया। ग्रामीण आजीविका मिशन और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स ...और पढ़ें

सीएम योगी की नीतियों से बदली तस्वीर सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भर
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के पिपरवा गांव की 28 वर्षीय सुशीला देवी का जीवन कुछ साल पहले तक सीमित आय और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच फंसा हुआ था। किसान परिवार में जन्मी और इंटर तक पढ़ी सुशीला के लिए भविष्य की राह धुंधली थी, क्योंकि परिवार का सारा खर्च पति की निजी नौकरी की सीमित कमाई पर निर्भर था।
हालांकि, यह तस्वीर तब बदल गई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी उन तक पहुंची। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था की टीम ने गांव की महिलाओं को उनकी क्षमता का एहसास कराया और सही मार्गदर्शन के साथ अपना व्यवसाय खड़ा करने के लिए प्रेरित किया।
स्वावलंबन की ओर कदम
1. प्रशिक्षण और छोटे उद्यम की शुरुआत
सामूहिक बैठक में जब कस्टम ज्वेलरी (आभूषण) बनाने के प्रशिक्षण की बात चली, तो सुशीला ने झिझकते हुए भी इस अवसर को लपक लिया। कम संसाधनों और जिम्मेदारियों के बावजूद, उनके भीतर कुछ नया सीखने की चाह ने उन्हें प्रेरित किया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्होंने स्वयं सहायता समूह (SHG) से 15000 का ऋण लिया और अपना छोटा सा उद्यम शुरू कर दिया। उनकी मेहनत और हाथों की कारीगरी जल्द ही रंग लाई और उनकी बनाई ज्वेलरी आसपास के बाजार में पसंद की जाने लगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और संस्था की टीम ने उन्हें सीधे खरीदारों से जोड़कर मार्केट लिंकिंग की सबसे बड़ी बाधा को भी दूर कर दिया।
2. आय में वृद्धि और जीवन में बदलाव
योगी सरकार के सहयोग और सुशीला की कड़ी मेहनत से आज उनकी मासिक आय बढ़कर ₹15,000 तक पहुँच चुकी है, जो उनके पति की आय के बराबर है। इस बदलाव ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है।
- पारिवारिक भागीदारी: पहले जहाँ उनकी स्वयं की कोई आय नहीं थी, वहीं अब वह घर का खर्च संभालने में पति की बराबर की सहभागी बन गई हैं।
- बच्चों की शिक्षा: उन्होंने अपनी बढ़ती कमाई से बच्चों का दाखिला अच्छे स्कूल में करवाया है, जिससे उनके भविष्य की नींव मजबूत हुई है।
- रोजगार सृजन: सुशीला ने अब गांव की अन्य महिलाओं को भी अपने साथ काम पर रखा है, जिससे उनके भी घरों का खर्च आसानी से चल रहा है
3. आत्मनिर्भरता का प्रतीक
सुशीला देवी आज गांव की अन्य महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी हैं। उनका कहना है, "पहले लगता था कि गांव की महिलाएं बस घर तक सीमित रहती हैं, लेकिन आज समझ आया कि सही मार्गदर्शन मिले तो हम भी अपना भविष्य खुद गढ़ सकते हैं।"
ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने इस सफलता पर कहा कि सुशीला और अन्य महिलाओं की कहानी उस सकारात्मक बदलाव की गवाही है, जो सीएम योगी की महिला-केंद्रित विकास नीतियों ने ग्रामीण जीवन में लाया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि एक छोटे से गांव से भी स्वाभिमान और सफलता की नई कहानी लिखी जा सकती है।

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