UP Supplementary Budget: राज्य के विकास को गति देगा 24,497 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट
UP Supplementary Budget: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 24,000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त और स ...और पढ़ें

विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश सरकार ने राज्य में चालू विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। जिसका कुल आकार 24496.98 करोड़ रुपये है।
इस बजट के माध्यम से सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के साथ ही ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर विकास, प्राविधिक शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, नेडा, चिकित्सा शिक्षा तथा गन्ना एवं चीनी विभाग को बड़ी धनराशि दी गई है। यह अनुपूरक बजट मूल बजट का 3.03 प्रतिशत है। सरकार ने फरवरी मूल बजट 808736.06 करोड़ रुपये का पेश किया था।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में 24496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट बजट विधान सभा में पेश किया। जिसमें राजस्व लेखा खर्च के लिए 18369.30 तथा विकास कार्यों (पूंजीगत व्यय) 6122.68 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह अनुपूरक बजट राज्य में विकास की निरंतरता बनाए रखने, आवश्यक क्षेत्रों में अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने और बदलती जरूरतों के अनुरूप योजनाओं को गति देने के लिए लाया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि फरवरी में पेश वर्ष 2025–26 के लिए प्रदेश का मूल बजट 808,736.06 करोड़ रुपये का था। यह अनुपूरक बजट मूल बजट के अनुपात में 3.03 प्रतिशत है। अनुपूरक बजट को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 का कुल बजट अब 8,33,233.04 करोड़ रुपये हो गया है। बजट विकास कार्यों की प्राथमिकताओं को और अधिक मजबूत करने पर केंद्रित है। सरकार का उद्देश्य राजस्व आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ पूंजीगत निवेश को बढ़ाकर आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है।
राज्य की जीएसडीपी 31,914 करोड़ रुपये पहुंची
वित्त मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने अपनी मौजूदा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का आंकलन कम किया था। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक राज्य की जीएसडीपी 31,914 करोड़ रुपये हो चुकी है, जो पहले के अनुमानों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में उभर रहा है जो राज्य की मजबूत आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। सरकार ने एफआरबीएम अधिनियम की सीमा का हमेशा पालन किया है और किसी भी स्तर पर वित्तीय अनुशासन से समझौता नहीं किया गया।

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