Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में कक्षा 9 से 12 तक छात्रों को सीखनी होगी एक ट्रेड, व्यावसायिक क्षेत्रों से संबंधित जॉब रोल होगा अनिवार्य

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 09:05 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अब कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए एक व्यावसायिक ट्रेड सीखना अनिवार्य कर दिया गया है। छात्रों को 23 चुने हुए सेक्टरों में से एक का ट्रेड चुनना होगा। यह नियम हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों स्तरों पर लागू होगा। छात्रों को नैतिक शिक्षा योग की जगह ऑटोमोबाइल बैंकिंग जैसे ट्रेड मिलेंगे। स्कूलों को अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेड चुनने होंगे।

    Hero Image
    कक्षा 9 से 12 तक छात्रों को अनिवार्य रूप से सीखनी होगी एक ट्रेड

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अब पढ़ाई के साथ-साथ एक व्यावसायिक ट्रेड (जॉब रोल) भी सीखना अनिवार्य होगा। 

    नई नीति के अनुसार, छात्रों को अब 23 चुने हुए सेक्टरों में से किसी एक सेक्टर का ट्रेड पढ़ना होगा। यह बदलाव हाईस्कूल (कक्षा 9-10) और इंटरमीडिएट (कक्षा 11-12) दोनों स्तर पर लागू होगा। 

    अब तक नैतिक शिक्षा, योग, खेल और समाजोपयोगी कार्य जैसे विषय पढ़ाए जाते थे। इनकी जगह छात्र आटोमोबाइल, बैंकिंग, इलेक्ट्रिशियन आदि जैसे अन्य ट्रेड में से कोई एक व्यावसायिक ट्रेड पढ़ेंगे।

    इस संबंध में विशेष सचिव की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, इंटर की परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी होगा, और साथ ही कक्षा 11 से ही एक व्यावसायिक ट्रेड का चयन भी करना होगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर छात्र ने कक्षा 9-10 में एक ट्रेड सीखा है, तो कक्षा 11-12 में उसे किसी दूसरे सेक्टर का ट्रेड लेना होगा। इससे छात्र न सिर्फ पढ़ाई करेंगे, बल्कि किसी हुनर में भी दक्ष बन सकेंगे। इसके साथ ही व्यवसायिक शिक्षा में कालेजों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। 

    हर मान्यता प्राप्त स्कूल को अपनी सुविधा और क्षेत्र की जरूरत के मुताबिक दो-दो व्यावसायिक क्षेत्रों का चयन करना होगा। इनमें से एक-एक जॉब रोल का अध्ययन छात्रों को कक्षा 9 से 12 तक कराना होगा। 

    इसके लिए संस्थाएं अपने निजी संसाधनों से व्यवस्था करेंगी। सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मिलेगा। स्कूलों को इसके लिए किसी नई मान्यता की आवश्यकता नहीं होगी। वे जिस सेक्टर में पढ़ा रहे हैं, उसे स्वतः मान्य माना जाएगा। 

    स्कूल, जॉब रोल की ट्रेनिंग के लिए आस-पास के वर्कशाप, उद्योगों या कंपनियों से जुड़ सकते हैं। विद्यालय अवधि के बाद इन संसाधनों का उपयोग स्कूल अपनी आय बढ़ाने के लिए भी कर सकेंगे। 

    इस नई नीति से छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ हुनर भी मिलेगा। इससे वे आगे चलकर नौकरी या स्वरोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। साथ ही, स्कूलों को अपने स्तर पर संसाधनों की व्यवस्था कर व्यावसायिक शिक्षा को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।

    ये हैं व्यवसायिक क्षेत्र

    एयरोस्पेस और एविएशन, कृषि, परिधान (एपेरल्स), ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, सौंदर्य एवं वेलनेस, कैपिटल गुड्स, निर्माण, घरेलू कार्य (डोमेस्टिक वर्कर्स), इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य देखभाल (हेल्थकेयर), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), लाजिस्टिक्स, मीडिया और मनोरंजन, शारीरिक शिक्षा, प्लंबिंग, विद्युत (पावर), निजी सुरक्षा, रबर, ग्रीन जॉब्स, स्किल काउंसिल, खेल, पर्यटन और आतिथ्य (हास्पिटैलिटी), दूरसंचार (टेलीकॉम)।