यूपी में खाद के बदले पराली लेने को 15 दिसंबर तक चलेगा अभियान, पशुधन मंत्री ने दिए हर दिन समीक्षा के निर्देश
उत्तर प्रदेश में खाद के बदले पराली लेने का अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। पशुधन मंत्री ने इस अभियान की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, जिसका उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और खाद उपलब्ध कराना है। अधिकारियों को इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गो आश्रय स्थलों द्वारा गोबर की खाद के बदले पराली लेने का अभियान सोमवार से शुरू हो गया है। 15 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इसके लिए निर्देश दिए हैं। मंत्री ने हर गांव में दुग्ध समितियों की प्रक्रिया तेज करने के लिए भी अधिकारियों से कहा है।
सोमवार को विधान भवन स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा कि पराली का उपयोग गोशाला में बिछावन और कुट्टी बनाकर चारे के रूप में किया जाए। पराली संग्रहण अभियान में अधिकारी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियों की संख्या बढाएं और समिति सदस्यों को कम से कम दो पशु पालने के लिए प्रोत्साहित करें।
पराग के उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से बाजार में लोकप्रिय बनाया जाए और इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बड़े गो आश्रय स्थलों में उपलब्ध भूमि को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर गो पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करने, पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने और गो आश्रय स्थलों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा. योगेंद्र पवार, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा. मेमपाल सिंह, यूपीएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. पीके सिंह आदि उपस्थित थे।

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