यूपी में मार्च तक परिषदीय स्कूलों में बढ़ेगी स्मार्ट क्लास की रफ्तार, शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की गति मार्च तक बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चो ...और पढ़ें

मार्च तक परिषदीय स्कूलों में बढ़ेगी स्मार्ट क्लास की रफ्तार।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय स्कूलों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रदेश के 74 फीसदी परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा शुरू हो जाएगी। फिलहाल सिर्फ 46.79 प्रतिशत स्कूलों जिनमें उच्च प्राथमिक स्कूल, कंपोजिट विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में ही स्मार्ट क्लास उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार सभी स्कूलों को वाई-फाई और इंटरनेट से पूरी तरह जोड़कर स्मार्ट क्लास अनिवार्य रूप से संचालित की जानी हैं। इसी दिशा में समग्र शिक्षा के तहत परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित की जा रही हैं। कई स्थानों पर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से भी स्मार्ट क्लास बनाई गई हैं।
इसके अलावा स्मार्ट क्लास को नियमित चलाने के लिए आईसीटी लैब भी स्थापित की गई हैं, लेकिन यूपी जैसे बड़े राज्य में यह संख्या अभी भी जरूरत के मुकाबले काफी कम है। कई जिलों में स्थिति चिंताजनक है।
कुछ जिलों में लक्ष्य के अनुरूप स्मार्ट क्लास शुरू नहीं हो पाईं, जबकि कई जिलों में उपकरण होने के बावजूद इंटरनेट न होने या मशीनें खराब होने की वजह से स्मार्ट क्लास नॉन-फंक्शनल बनी हुई हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी निष्क्रिय स्मार्ट क्लास को सक्रिय करने की तैयारी शुरू कर दी है। लक्ष्य 31 मार्च 2026 तय किया गया है।
पहले नॉन-फंक्शनल स्मार्ट क्लास को दुरुस्त किया जाएगा, फिर नए स्मार्ट क्लास शुरू कराए जाएंगे। कुछ जिलों में 10 प्रतिशत से भी कम स्मार्ट क्लास सक्रिय हैं। इसमें हरदोई, संभल, बिजनौर, बदायूं, मुरादाबाद, मथुरा, बरेली, भदोही, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर हैं। इन्हें सक्रिय किया जाएगा।

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