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    यूपी कौशल विकास: अब सक्रिय संस्थान ही देंगे प्रशिक्षण

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत, अब केवल सक्रिय संस्थान ही कौशल प्रशिक्षण देंगे। 100 से अधिक प्रशिक्षण भागीदारों को निष्क्रिय कर दिया गया है क्योंकि वे मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। सरकार गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण पर जोर दे रही है ताकि युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी हो। मिशन अब नए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) ने युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश में 1747 ट्रेनिंग पार्टनर रखे गए थे। ये संस्थान विभिन्न सेक्टरों में कौशल प्रशिक्षण संचालित कर रहे हैं, लेकिन मिशन की समीक्षा में बड़ी संख्या में संस्थान निष्क्रिय पाए गए हैं।

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    समीक्षा में 100 से अधिक ट्रेनिंग पार्टनर को निष्क्रिय सूची में शामिल किया गया है। अब केवल वही संस्थान प्रशिक्षण चला पाएंगे जो सक्रिय हैं और निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं।

    लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, बरेली, भदोही, मीरजापुर, सोनभद्र, सुलतानपुर, मुजफ्फरनगर, मथुरा, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, हरदोई, रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी और प्रयागराज जैसे जिलों में सबसे अधिक निष्क्रिय ट्रेनिंग पार्टनर पाए गए हैं।

    निष्क्रिय घोषित किए गए संस्थान आटोमोबाइल, बैंकिंग, एकाउंटिंग, हैंडीक्राफ्ट, हेल्थकेयर, निर्माण (कंस्ट्रक्शन), आईटी, लेदर, स्पोर्ट्स गुड्स, रिटेल, टूरिज्म आदि सेक्टरों में प्रशिक्षण चला रहे थे। जांच में पाया गया कि कई संस्थानों में प्रशिक्षक ही नहीं थे, जबकि कुछ स्थानों पर प्रशिक्षण की कोई वास्तविक व्यवस्था नहीं थी।

    पोर्टल पर प्रशिक्षुओं की उपस्थिति भी शून्य दर्ज की गई थी। इससे पहले भी मिशन ने 49 ट्रेनिंग पार्टनर को ब्लैकलिस्ट किया था। अब मिशन का फोकस केवल सक्रिय, सक्षम और गुणवत्तापूर्ण संस्थानों पर है, ताकि युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें।

    मिशन का जोर है कि युवाओं को वही प्रशिक्षण दिया जाए जो स्थानीय उद्योगों की जरूरत से जुड़ा हो। इसके लिए प्रत्येक जिले में स्थानीय उद्योगों को चिह्नित किया गया है, ताकि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार या स्वरोजगार का अवसर मिल सके।

    इस सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और मिशन का उद्देश्य कौशल से रोजगार और प्रभावी ढंग से पूरा हो सकेगा।