आजम खां के चहेतों को नियम विरुद्ध दी गई थीं रामपुर की वक्फ संपत्तियां, शिया वक्फ बोर्ड ने नवाब खानदान को लौटाई
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने रामपुर की वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अनियमितताएं पायी हैं। बोर्ड का कहना है कि यह संपत्तियां वक्फ-अलल-औलाद की श्रेणी में आती हैं। आजम खां के प्रभाव में इन संपत्तियों का प्रबंधन नियम विरुद्ध तरीके से उनके चहेतों को सौंप दिया गया था।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पूर्व मंत्री आजम खां के फैसले को पलटते हुए रामपुर जिले की वक्फ संपत्तियों को फिर नवाब खानदान के प्रबंधन में सौंप दी हैं। नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां को सात औकाफ (वक्फ संपत्ति) का मुतवल्ली नियुक्त किया गया है।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने रामपुर की वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में कई अनियमितताएं पायी हैं। वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि यह सभी संपत्तियां वक्फ-अलल-औलाद की श्रेणी में आती हैं। अखिलेश सरकार में वक्फ मंत्री रहे मोहम्मद आजम खां के प्रभाव में इन संपत्तियों का प्रबंधन नियम विरुद्ध तरीके से उनके चहेतों को सौंप दिया गया था।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि रामपुर की वक्फ संपत्तियों की दो महीने तक जांच चली। इनमें कई तरह की अनियमितताएं मिलीं। इनमें वित्तीय अनियमितताएं भी शामिल हैं। वक्फ संपत्तियों के बैंक खाते नहीं खोले जा रहे थे और जिन लोगों के हाथों में इनका प्रबंधन सौंपा गया था, वह नकद वसूली कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि यह सभी संपत्तियां वक्फ-अलल-औलाद की श्रेणी में आती हैं। नियमानुसार रामपुर के नवाब खानदान के वंशज ही इसके मुतवल्ली हो सकते हैं। मो.आजम खां ने वक्फ मंत्री रहते अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिजवी के मार्फत इन संपत्तियों का प्रबंधन अपने चहेतों को सौंप दिया था।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि इस बाबत मिलीं शिकायतों के आधार पर मो. आजम खां से तीन बार जवाब मांगा गया लेकिन वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। लिहाजा नियमों के तहत इन संपत्तियों का प्रबंधन फिर से नवाब खानदान को सौंप दिया गया है।
वक्फ बोर्ड ने नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां को जिन औकाफ का मुतवल्ली बनाया है, उनमें इमामबाड़ा किला, हुसैनी सराय, कर्बला शरीफ, मकाबिरुल मोमेनीन, वक्फ बहू बेगम साहिबा, वक्फ नवाब मोहम्मद सईद खां और वक्फ नवाब मेंहदी अली खां शामिल हैं। अब अब्बास मार्केट समेत अरबों की जायदाद का प्रबंधन हमजा मियां के सिपुर्द रहेगा।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि ये सभी संपत्ति वक्फ अलल औलाद (पीढ़ी दर पीढ़ी) हैं। इनका मुतवल्ली नवाब खानदान के अलावा किसी और को नहीं बनाया जा सकता, लेकिन आजम खां ने अपने करीबी लोगों को मुतवल्ली बनवा दिया था। नवेद मियां को हटाने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा भी कराया। अब नवाब खानदान को दोबारा इनका प्रबंधन सौंप दिया गया है। हमजा मियां नवेद मियां के बेटे हैं।
हमजा मियां विधानसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस छोड़ भाजपा गठबंधन दल में शामिल हुए। वह स्वार टांडा सीट से आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम के मुकाबले अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़े। हमजा मियां चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन अब वक्फ संपत्तियों के मुतवल्ली बन गए।

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