Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP Secondary Education : अब छात्र पंजीकरण शुल्क का दस रुपये अपने खाते में जमा कर सकेंगे स्कूल

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 06:27 PM (IST)

    UP Secondary Education अब तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए कक्षा 9 और 11 में पंजीकरण के समय छात्रों से 50 रुपये शुल्क लिया जाता था जो पूरी तरह राजकीय कोष में जमा होता था। लेकिन अब नए नियम में 40 रुपये राजकीय कोष में जमा होगा और 10 रुपये विद्यालय अपने खाते में रख सकेंगे।

    Hero Image
    अब छात्र पंजीकरण शुल्क का 10 रुपये अपने खाते में जमा कर सकेंगे स्कूल

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश सरकार ने माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बड़ी राहत देते हुए एक पुरानी मांग पूरी कर दी है। अब कक्षा 9 और 11 के छात्रों से लिए जाने वाले 50 रुपये के पंजीकरण शुल्क में से 10 रुपये विद्यालय अपने पास रख सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह धनराशि स्कूल के छोटे-मोटे खर्च और गुणवत्ता सुधार कार्यों पर खर्च की जा सकेगी। अभी तक पूरा 50 रुपये सीधे राजकीय कोष में जमा करना होता था। विद्यालयों को इस काम के बदले में 10 रुपये प्रति छात्र पारिश्रमिक जरूर मिलता था, लेकिन यह राशि सीधे नहीं मिलती थी, बल्कि इसके लिए अलग से जटिल भुगतान प्रक्रिया अपनानी पड़ती थी।

    अब तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए कक्षा 9 और 11 में पंजीकरण के समय छात्रों से 50 रुपये शुल्क लिया जाता था, जो पूरी तरह राजकीय कोष में जमा होता था। लेकिन अब नए नियम में 40 रुपये राजकीय कोष में जमा होगा और 10 रुपये विद्यालय अपने खाते में रख सकेंगे।

    विद्यालय के पास जमा किया गया 10 रुपया आकस्मिक खर्च, गुणवत्ता संवर्धन और अन्य जरूरी कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानाचार्य लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि पंजीकरण शुल्क का एक हिस्सा स्कूल में रहे, जिससे फार्म की छपाई, फोटो स्टेट, दस्तावेजों की जांच और अन्य प्रशासनिक कार्यों में आने वाला खर्च वहन किया जा सके।

    अब शासन ने साफ कर दिया है कि यह 10 रुपये सीधे स्कूल के खाते में जाएगा और इसका उपयोग स्कूल की जरूरतों के अनुसार किया जा सकेगा। हालांकि, यह भी तय किया गया है कि इस पैसे के दुरुपयोग पर संबंधित प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। हालांकि, उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने इसे राहत बताते हुए कहा कि अभी यह कम है। विद्यालयों की फीस कम रहती है। इसलिए इसे आधा- आधा होना चाहिए।