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    UP School Merger: यूपी में अचानक क्यों रुक गई स्कूल विलय की प्रक्रिया? अब क्लियर हुई वजह

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 07:23 PM (IST)

    लगातार बारिश के कारण परिषदीय स्कूलों के पुनर्गठन की योजना रुक गई है। कई जिलों में जलभराव के कारण बीईओ स्कूलों का भौतिक सर्वे नहीं कर पा रहे हैं जिससे विलय की प्रक्रिया बाधित है। सरकार के अनुसार 50 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों का विलय रद्द किया जाएगा। बारिश के कारण रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है जिससे विलयित विद्यालयों की संख्या घटने की संभावना है।

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    बारिश ने रोकी स्कूल विलय की प्रक्रिया

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने परिषदीय स्कूलों के पुनर्गठन की योजना पर ब्रेक लगा दिया है। कई जिलों में विद्यालयों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) तय समय पर विद्यालयों का भौतिक सर्वे नहीं करा पा रहे हैं। पेयरिंग (विलय) और अनपेयरिंग की प्रक्रिया इस वजह से बाधित हो गई है।

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    बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश में 10,684 परिषदीय विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में विलय किया है। लेकिन सरकार ने जब यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन विद्यालयों में नामांकन 50 से अधिक है और जो एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर हैं, उनका किसी भी हाल में विलय नहीं किया जाएगा।

    यदि ऐसा हुआ है, तो उन्हें वापस यथास्थान पुनः स्थापित किया जाए। बारिश की वजह से कई स्कूलों में पढ़ाई बाधित है और कई स्कूल बंद पड़े हैं। ऐसे में सभी जिलों से पूरी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है।

    वहीं, एक और बड़ी चुनौती यह है कि जिन विद्यालयों का विलय किया गया, उनमें से कई स्कूलों में शिक्षकों को अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि यदि 50 से अधिक नामांकन वाले विद्यालयों का विलय रद होता है, तो प्रदेश में विलयित विद्यालयों की संख्या घटकर लगभग सात हजार के करीब रह जाएगी।

    विभागीय अधिकारियों का मानना है कि सभी जिलों सर्वे रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि कितने विद्यालयों का विलय रद होगा और कितने विद्यालय आगे भी एकीकृत रूप में संचालित रहेंगे। बारिश की वजह से सर्वे का कार्य नहीं हो पा रहा है।