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    UP: स्पेन से आए पर्यटक मैनपुरी में ग्रामीण पर्यटन से मोहित, गांव के भोजन का उठाया लुत्फ

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 05:05 PM (IST)

    UP Rural Tourism : मैनपुरी के भांवत गांव में स्पेन से आए फेरिस मारिन सांड्रा, लूर्देस गिराल्दो रोड्रीगेज और सिंतिया बेलोनिनो जैसे विदेशी मेहमानों ने गांव की जीवनशैली, परंपराओं और खेत-खलिहानों की सुगंध को करीब से महसूस किया। 

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    मैनपुरी के भांवत गांव में स्पेन से आए विदेशी मेहमान

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार की ग्रामीण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना रंग ला रही है। उत्तर प्रदेश का ग्रामीण आंचल भी अब विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बनने लगा है। सरकार के सहयोग, बेहतर सुविधाओं और ग्रामीण-सांस्कृतिक पर्यटन की स्पष्ट दृष्टि ने उत्तर प्रदेश को उस दिशा में आगे बढ़ा दिया है, जहां विदेशी पर्यटक प्रकृति, भारतीय संस्कृति और लोगों की गर्मजोशी, तीनों को एक साथ अनुभव कर सकें।

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    मैनपुरी के भांवत गांव में स्पेन से आए फेरिस मारिन सांड्रा, लूर्देस गिराल्दो रोड्रीगेज और सिंतिया बेलोनिनो जैसे विदेशी मेहमानों ने गांव की जीवनशैली, परंपराओं और खेत-खलिहानों की सुगंध को करीब से महसूस किया। ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत यह भ्रमण उन्हें उत्तर प्रदेश के बदलते ग्रामीण स्वरूप से जोड़ने वाला अनुभव साबित हुआ। गांव के प्रतिनिधि विश्राम सिंह ने उन्हें गांव का भ्रमण कराया, जहां उन्होंने ग्रामीण परिवारों से बातचीत की और उन कला-परंपराओं को देखा जिन्हें पीढ़ियां संभालती आई हैं।

    पर्यटकों ने पारंपरिक बिलौना पद्धति से मक्खन निकालने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया, मिट्टी के बर्तनों की कारीगरी सीखी, सिंघाड़ा की खेती को करीब से देखने के साथ प्रसिद्ध जखदेड़ महादेव मंदिर में दर्शन किया। इस मंदिर में स्व अवतरित शिवलिंग और दो सौ वर्ष पुराना पावन वृक्ष क्षेत्र की आस्था का केंद्र हैं। पर्यटक रोहित होमस्टे में ठहरे, जिसे ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यहां उन्होंने गांव की सादगी, भोजन की मौलिकता और घर-जैसा अपनापन अनुभव किया।

    भांवत गांव सारस सर्किट के संरक्षण क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके दस हेक्टेयर के प्राकृतिक जलभराव क्षेत्र में राज्य पक्षी सरस के साथ कई विदेशी प्रवासी पक्षी भी आते हैं। यह गांव सिंघाड़ा उत्पादन के लिए भी जाना जाता है, जिसका बड़ा हिस्सा दिल्ली के आजादपुर मंडी तक जाता है। ग्रामीण पर्यटन को मजबूती देने के लिए गांव में 10 पंजीकृत होमस्टे विकसित किए गए हैं, जिनके संचालकों को लखनऊ में मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

    स्पेन से आई एक पर्यटक ने भावुक होकर कहा कि यहां की मेहमाननवाज़ी दिल छू लेती है। लोग, दृश्य, भोजन और संस्कृति सब कुछ अद्भुत था। उत्तर प्रदेश बेहद शांत और आत्मीय लगा। हम जहां-जहां गए, स्नेह ही मिला।

    ग्रामीण पर्यटन में विदेशियों की बढ़ती दिलचस्पी पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि लोग अब असली अनुभवों वाली जगहों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मैनपुरी में वर्ष 2023 में 18,72,670 पर्यटकों आए थे जो 2024 में बढ़कर 20,04,724 हो गए। इस वर्ष के पहले छह महीनों में ही यह संख्या 6,92,130 के पार है। उन्होंने बताया कि सरकार होमस्टे, फार्मस्टे और गांवों में सुविधाओं को और सुदृढ़ करने पर काम कर रही है, ताकि प्रदेश के गांव नई पर्यटन संभावनाओं के केंद्र बन सकें।

    उन्होंने बताया कि मैनपुरी के प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के पुनरुद्धार पर 27.35 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है। जखौआ गांव के हनुमान मंदिर और पडरिया गांव के काली माता मंदिर सहित कई स्थलों का उन्नयन कार्य जारी है। जिले का ओडीओपी उत्पाद तारकशी लकड़ी पर बारीक जड़ाई की पारंपरिक कला पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहा है।