उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे कस्बों से निकल रहे 25 प्रतिशत इनोवेटर्स, सीड फंडिंग और मेंटरशिप से युवाओं को मिली नई उड़ान
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ग्रामीण नवाचार को प्रोत्साहन मिला है। राज्य में लगभग 21,000 स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें से ...और पढ़ें

ग्रामीण यूपी का नया चेहरा छोटे गांवों से उभर रहे स्टार्टअप
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में ग्रामीण नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में जो विशेष कदम उठाए हैं, उनके सकारात्मक परिणाम अब जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश अब स्टार्टअप क्रांति का केंद्र बन रहा है, और यह बदलाव केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहा है।
वर्तमान में प्रदेश में लगभग 21,000 सक्रिय स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से एक चौथाई (लगभग 22 से 25 प्रतिशत) ग्रामीण और छोटे कस्बों से उभर रहे हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण युवा भी अब तकनीक आधारित रोजगार के नए अवसरों को सफलतापूर्वक अपना रहे हैं। यह परिवर्तन न केवल राज्य के आर्थिक विकास को गति दे रहा है, बल्कि ग्रामीण समाज में उद्यमशीलता की एक नई और मजबूत भावना भी पैदा कर रहा है, जो विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करने की नींव है।

सीड फंडिंग और मेंटरशिप से मिली उद्यमिता को नई दिशा
ग्रामीण उद्यमिता को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक प्रभावी इकोसिस्टम तैयार किया है। इस प्रणाली में सीड फंडिंग, उच्च गुणवत्ता वाली मेंटरशिप, सशक्त इन्क्यूबेशन और मार्केट लिंकेज जैसे महत्वपूर्ण तत्वों को एकीकृत किया गया है। इसका परिणाम यह है कि ग्रामीण युवा न केवल स्टार्टअप्स की शुरुआत कर रहे हैं, बल्कि उन्हें टिकाऊ और बाजार-सक्षम बनाने में भी सफल हो रहे हैं।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन
प्रदेश के विभिन्न इन्क्यूबेशन सेंटरों में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है और अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- तकनीक-आधारित समाधान
इसके केंद्र में किसानों और ग्रामीण उत्पादकों के लिए तकनीक आधारित समाधान हैं, जिनमें स्मार्ट खेती, डिजिटल मार्केटिंग, और उत्पाद गुणवत्ता सुधार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि ग्रामीण नवाचार को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच तक पहुंचाया जाए, जिससे गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण की एक मजबूत नींव रखी जा सके।
ग्रामीण उत्पादों का बढ़ा मूल्य
प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू किया गया 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ओडीओपी) प्लस स्टार्टअप मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई और विशिष्ट पहचान दे रहा है।
बाजारों तक पहुंच
यह मॉडल स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार, प्रभावी ब्रांडिंग और व्यापक डिजिटल पहुंच प्रदान कर रहा है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार
ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स आधारित समाधानों के कारण, छोटे गांवों के उत्पाद जो पहले सीमित बाजारों तक सिमटे थे, अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच गए हैं।
- सशक्तिकरण का आधार
इस कदम से न केवल बिक्री में वृद्धि हुई है, बल्कि ग्रामीण उत्पादों की पहचान और उनके मूल्य में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह मॉडल राज्य में आत्मनिर्भरता और स्थानीय रोजगार को मजबूत करने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है।
एग्रो-टेक और ग्रामीण ई-कॉमर्स में युवाओं की बढ़ती भागीदारी
उत्तर प्रदेश में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, मिट्टी के स्वास्थ्य और डिजिटल खेती जैसे क्षेत्रों में तकनीक आधारित स्टार्टअप्स तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
- नए अवसर
ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, एड-टेक और विशेष रूप से एग्रो-टेक जैसे सेक्टर ग्रामीण युवाओं को नए और आकर्षक अवसर प्रदान कर रहे हैं।
- किसानों को लाभ
कृषि-आधारित स्टार्टअप्स किसानों को सीधे बाजार से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह स्पष्ट मत है कि उत्तर प्रदेश का समावेशी विकास तभी संभव है जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को अपने गांव या समीपवर्ती क्षेत्रों में ही सम्मानजनक रोजगार और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध होंगे। ग्रामीण स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के साधन विकसित होने से पलायन में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।

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