यूपी में 22 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेंगी सड़कें व पुल, CM Yogi ने विधायकों-सांसदों से मीटिंग में कही ये बात
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 22 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी है। यह योजना विधायकों और सांसदों से प्राप्त प्रस्तावों पर आधारित है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विभाग अतिरिक्त बजट की मांग करेगा। विपक्षी दलों के विधायकों के प्रस्ताव भी इस कार्ययोजना में शामिल हैं।

हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंडलवार बैठकें कर सांसदों-विधायकों से उनके क्षेत्रों में सड़कों, पुल-पुलियों के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव लिए जाने के बाद अब इन प्रस्तावों को वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
लोक निर्माण मुख्यालय ने विधायकों और सांसदों से मिले प्रस्तावों में से 22 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार कर शासन को वित्तीय स्वीकृति के लिए भेज दी है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में संभावित अनुपूरक बजट से विभाग इन निर्माण कार्यों के लिए और धनराशि की मांग करेगा।
अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को देखते हुए कार्ययोजना में ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े प्रस्तावों को प्रमुखता से शामिल किया गया है। बड़ी धनराशि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण पर खर्च करने का इरादा है।
सांसदों-विधायकों के ये प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से विभाग के पास पहुंचे हैं। विधान सभा क्षेत्रवार मिले प्रस्तावों में जनप्रतिनिधियों से उनकी प्राथमिकता भी पूछी गई है ताकि उसके आधार पर सड़कों के निर्माण का काम हो सके। प्राथमिकता वाले कार्यों को ही विभाग ने कार्ययोजना का हिस्सा बनाया है।
लोक निर्माण विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी के मुताबिक शासन को भेजी गई 22 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना में 1847 सड़कें शामिल की गई हैं। इनमें से 161 सड़कों के लिए वित्तीय स्वीकृति शासन से मिल चुकी है।
विभागाध्यक्ष के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष के लिए विभाग का कुल बजट करीब 32 हजार करोड़ रुपये है। इसमें से 22 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों से संबंधित है। फिलहाल सभी जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में करीब 45 से 55 करोड़ रुपये के काम लिए जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों में शामिल अन्य कार्यों में से कुछ का वित्तपोषण अनुपूरक बजट के माध्यम से और शेष अगले वित्तीय वर्ष के बजट से कराए जाएंगे। विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिलाधिकारी के माध्यम से आए मुख्य विपक्षी दल सपा के विधायकों के साथ ही कांग्रेस के विधायकों के प्रस्ताव भी कार्ययोजना में शामिल किए गए हैं।
विपक्षी जनप्रतिनिधियों ने कहा, मंडलीय बैठकों में हमें नहीं बुलाया गया
विपक्ष के विधायकों-सांसदों की मानें तो उन्हें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुईं मंडलीय बैठकों में नहीं बुलाया गया था। इसके बाद भी उन्होंने जिलाधिकारियों के माध्यम से क्षेत्र में सड़कों, पुल व पुलियों के प्रस्ताव भेजे हैं।
विधान सभा में सपा के उप मुख्य सचेतक आरके वर्मा के मुताबिक उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम कई सड़कों के प्रस्ताव भेजे हैं। उन्होंने बताया है कि 2022, 2023 तथा 2024 में भी विधायकों से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसमें से कोई काम नहीं हुआ। सरकार को अनजुड़ी बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।