UP Road Safety Plan: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे आधे करने की तैयारी, सरकार ने खोला खजाना
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से 181 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। फरवरी 2026 में एक सड़क सुरक्षा मेगा अभि ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने और लोगों को सुरक्षित यातायात के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बुधवार को हुई सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 181.5581 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। इसमें परिवहन विभाग के लिए 146.55815 करोड़ रुपये और यातायात निदेशालय के लिए 35 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि फरवरी 2026 में एक लार्ज-स्केल सड़क सुरक्षा मेगा अभियान चलाया जाएगा, जिसके लिए तीन करोड़ रुपये का बजट तय हुआ है। इसके तहत पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, रैलियां, वर्कशाप और जन-संपर्क अभियान चलाए जाएंगे ताकि लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन परियोजनाओं के लिए स्वीकृति मिली। स्कूलों और कालेजों में रोड सेफ्टी क्लबों के माध्यम से छात्रों को जागरूक करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए 225 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है। वहीं ब्लाक, जिला और राज्य स्तर पर सड़क सुरक्षा प्रतियोगिताओं और पुरस्कार वितरण समारोहों पर 191.91 लाख रुपये खर्च होंगे।
सभी 75 जिलों में सड़क सुरक्षा सप्ताह, पखवाड़ा और माह के दौरान जागरूकता कार्यक्रमों को गति देने के लिए 244 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जिलों में सड़क सुरक्षा से जुड़े आवश्यक सुधार कार्यों पर 225 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा सड़क सुरक्षा मित्र योजना के तहत चयनित 28 जिलों में कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए 14 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।
परिवहन निगम की बसों में सड़क सुरक्षा संदेशों के प्रचार-प्रसार पर 100 लाख रुपये, जबकि वाट्सएप -मेटा के माध्यम से ई-चालान और जागरूकता संदेश भेजने पर 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रदेश के नौ जिलों बाराबंकी, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, शामली, लखनऊ, उन्नाव, अलीगढ़ और औरैया में डिटेंशन यार्ड निर्माण के लिए 1,200.76 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।
बलिया शहर के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 202.98 लाख रुपये का प्रविधान भी किया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित कुमार घोष, अपर मुख्य सचिव परिवहन अर्चना अग्रवाल, परिवहन आयुक्त किंजल सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इलेक्ट्रानिक इंफोर्समेंट डिवाइस से कम होगा सड़क हादसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्धारित सड़क दुर्घटना मृत्यु में 50 प्रतिशत कमी लाने के लक्ष्य के तहत उन 25 जिलों पर विशेष फोकस किया जाएगा, जहां वर्ष 2024 में कुल सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुई थीं।
इनमें हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलंदशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गाेरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ, बिजनौर, आजमगढ़, फतेहपुर, गाजियाबाद, जौनपुर और फिरोजाबाद में इलेक्ट्रानिक इंफोर्समेंट डिवाइस लगाने के लिए प्रति जिला 100 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। शेष 50 जिलों को प्रति जिला 50 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इस मद में कुल 5,000 लाख रुपये का व्यय होगा। प्रवर्तन को और मजबूत करने के लिए 18 अत्याधुनिक इंटरसेप्टर वाहन खरीदने पर 576 लाख रुपये, और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के लिए 106 हाई-टेक टैबलेट खरीदने पर 53 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यातायात निदेशालय जल्द ही 25 करोड़ रुपये की लागत से 4,500 आयरन बैरियर, 4,525 फोल्डिंग बैरियर, 7,200 सेफ्टी हेलमेट, 8,000 फ्लोरोसेंट जैकेट, 270 ब्रेथ एनालाइजर, 85 स्पीड लेजर गन और चार-पहिया व दो-पहिया इंटरसेप्टर वाहन खरीदेगा।
इन सभी कदमों से प्रदेश में सड़क सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। डिजिटल निगरानी, बेहतर सड़क सुधार, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और व्यापक जागरूकता अभियानों के चलते तेज रफ्तार, गलत ओवरटेकिंग, नशे में ड्राइविंग और बिना हेलमेट/सीटबेल्ट वाहन चलाने जैसी घटनाओं में कमी आएगी। इससे सड़क हादसों को प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा।

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