खुशखबरी! यूपी के इन 2 जिलों में बनाई जाएंगी 102 सड़कें, जिलाधिकारियों को शासन ने भेजी चिट्ठी
लखनऊ और वाराणसी में 102 सड़कों का निर्माण त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में किया जाएगा। लखनऊ में 25 और वाराणसी में 77 सड़कें बनेंगी। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर पर्यावरणीय मंजूरी और अन्य स्वीकृतियां प्राप्त करने के बाद कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 102 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इन सड़कों का निर्माण चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत किया जाएगा।
योजना के तहत लखनऊ में 25 और वाराणसी में 77 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को कार्यदायी संस्था के रूप में नियुक्त किया गया है। शासन ने इस संदर्भ में दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया है।
शासन द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि निर्माण कार्यों की शुरूआत पर्यावरणीय मंजूरी और संबंधित स्वीकृतियां मिलने के बाद ही की जाएगी। इन सड़कों के निर्माण के साथ ही जलनिकासी का भी प्रबंध किया जाएगा। यह सड़कें लखनऊ के बक्शी का तालाब, मलिहाबाद, सरोजनीनगर और वाराणसी के पिंडरा, नारायणपुर, सारनाथ व सरसौली में बनाई जाएंगी।
स्कूलों का आज व कल निरीक्षण करेंगी शिक्षाधिकारियों की टीमें
वहीं दूसरी ओर, परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और प्रधानमंत्री स्कूल फार राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) विद्यालयों का शिक्षाधिकारियों की टीमें मंगलवार व बुधवार को निरीक्षण करेंगी। हर मंडल में दो-दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
राज्य स्तर पर यह 36 अधिकारी जिलों का निरीक्षण करेंगे। स्कूल चलो अभियान के तहत विद्यालयों में किए गए प्रवेश, मिड डे मील, निर्माण कार्यों की प्रगति और डीबीटी के माध्यम से यूनिफार्म, जूता-मोजा व बैग की धनराशि भेजे जाने की तैयारियां परखेंगे।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से प्रत्येक मंडल में दो-दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसमें अपर परियोजना निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप निदेशक, सहायक शिक्षा निदेशक, उप पाठ्य पुस्तक अधिकारी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रवक्ता शामिल हैं।
सभी अधिकारी अपने-अपने मंडल के दो-दो जिलों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेंगे। स्कूलों में पंजीकृत छात्रों के मुकाबले उपस्थिति छात्रों की संख्या और विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी लेंगे। फिर यह अपनी रिपोर्ट महानिदेशालय को भेजेंगे। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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