यूपी रेरा में आइए नहीं... ऑनलाइन कराइए शिकायतों का निस्तारण, उपभोक्ता के लिए हुई आसानी
उत्तर प्रदेश रेरा ने ई-कोर्ट प्रणाली से 5 सालों में 35424 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान किया है। घर बैठे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने दस्तावेज अपलोड करने और वर्चुअल सुनवाई की सुविधा है। कोरोना काल में भी रेरा ने 9356 मामलों का निस्तारण किया। पोर्टल का नया वर्जन 2.0 जल्द ही विकसित किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। आपने भूखंड या फ्लैट खरीदा लेकिन, कब्जा नहीं मिल रहा। डेवलपर ने तय तारीख तक भूखंड का कब्जा नहीं दिया या फिर फ्लैट बनाकर तैयार नहीं किया।
ऐसी शिकायतों के लिए उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (यूपी रेरा) आने की जरूरत नहीं है। घर में बैठकर आनलाइन शिकायत करके निस्तारण पा सकते हैँ। यूपी रेरा प्रदेश का पहला नियामक प्राधिकरण बन गया है जहां न्याय व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल है।
यूपी रेरा ने उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए फरवरी 2020 में ई-कोर्ट प्रणाली लागू किया था। अब तक 58,793 उपभोक्ता शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 23,149 शिकायतें ई-कोर्ट लागू होने से पहले और 35,644 शिकायतें ई-कोर्ट व्यवस्था के तहत दर्ज हुईं।
पांच साल में 35,424 मामलों का निस्तारण ई-कोर्ट्स से किया जा चुका है। इसमें उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज अपलोड करने, वर्चुअल सुनवाई, आदेश प्राप्त करना आनलाइन हैं। वर्चुअल सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होती है।
यह प्रणाली उन उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी है जो अन्य राज्यों या विदेश में रहते हैं। उन्हें रेरा कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती। शिकायत की स्थिति और आदेश सीधे पोर्टल पर मिलते हैं। एसएमएस और ई-मेल से अगली सुनवाई की सूचना और वर्चुअल लिंक भेजी जाती है।
रेरा कानून की धारा 56 के अनुसार उपभोक्ता खुद या फिर किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कास्ट अकाउंटेंट, एडवोकेट या अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए अपनी पैरवी करा सकते हैं। इससे उन उपभोक्ताओं को भी मदद मिलती है जो स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते।
कोरोना काल में जब पूरे देश में भौतिक सुनवाई बंद थीं, तब भी यूपी रेरा ने अपनी ई-कोर्ट प्रणाली के जरिए 16,549 शिकायतें दर्ज कीं और इनमें से 9,356 मामलों का निस्तारण किया।
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया, ई-कोर्ट प्रणाली में आवंटी अमेरिका, मिडिल ईस्ट और एशिया के अन्य देशों से वर्चुअली जुड़ते हैं।
ई-कोर्ट्स से उपभोक्ताओं और प्रमोटरों को पेशेवर प्रतिनिधि चुनने की स्वतंत्रता भी मिलती है। अब पोर्टल का नया वर्जन 2.0 विकसित किया जा रहा है, जिससे प्रणाली और बेहतर होगी।
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