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    लखनऊ से मेरठ तक... यूपी के सात जिलों में 8856 फ्लैटों, दुकानों के निर्माण का रास्ता साफ, लोगों को मिलेगा अपना आशियाना

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 09:43 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश रेरा ने सात जिलों की 22 रुकी हुई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें 8856 फ्लैट और दुकानें शामिल हैं। दस्तावेजों की कमी के कारण ये परियोजनाएं रुकी हुई थीं। यूपी रेरा के अध्यक्ष ने बताया कि इस कदम से घर खरीदारों को राहत मिलेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्रदेश के सात जिलों की 22 परियोजनाओं में 8856 फ्लैटों, दुकानों आदि के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने मंगलवार को इन परियोजनाओं को आस्थगन सूची से बाहर कर दिया है। यह परियोजनाएं काफी समय से लटकी थीं।

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    असल में प्रदेश में रेरा लागू होने के बाद ऐसी कई परियोजनाएं सामने आईं जिनमें पंजीकरण के दौरान प्रमोटर्स ने आवश्यक दस्तावेज जैसे भूमि अभिलेख, स्वीकृत मानचित्र और यूनिट विवरण आदि रेरा पोर्टल पर अपलोड नहीं किए थे। प्राधिकरण ने इन परियोजनाओं की जांच के बाद संबंधित प्रमोटर्स को नोटिस जारी किया था।

    अधिकांश प्रमोटर्स ने कहा कि प्रारंभिक चरण में तकनीकी कारणों और समयाभाव के चलते पूरा विवरण उपलब्ध नहीं करा सके थे। रेरा ने प्रमोटर्स की सुविधा के लिए पोर्टल पर जानकारी संशोधित करने की सुविधा दी थी। इसके बावजूद कई परियोजनाओं में आवश्यक भूमि और मानचित्र से संबंधित दस्तावेज जमा नहीं कराए गए थे।

    30 जुलाई को प्राधिकरण की 152वीं बैठक में निर्णय लिया गया था कि ऐसी लगभग 350 परियोजनाओं में दस्तावेजों की कमी थी और जिनके प्रमोटर्स को नोटिस दिए जाने के बावजूद आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए, उन्हें आस्थगन श्रेणी में रखा जाए। यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि घर खरीदारों और आम जनता को इन परियोजनाओं की स्थिति के बारे में सही जानकारी मिल सके, जिससे वे निवेश संबंधी निर्णय सुरक्षित तरीके से ले सकें।

    जिन खरीदारों के सपनों के घर लंबे समय से अधर में थे, उनके लिए अब निर्माण कार्य फिर शुरू होंगे। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी ने बताया, जिन परियोजनाओं ने अब सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कर दिए हैं, उन्हें ‘आस्थगन सूची’ से बाहर निकालना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल घर खरीदारों को राहत मिलेगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा आएगी।

    ये परियोजनाएं आस्थगन सूची से
    - लखनऊ – 4 परियोजनाएँ (473 इकाइयां)
    - नोएडा – 6 परियोजनाएं (5663 इकाइयां)
    - गाजियाबाद – 6 परियोजनाएं (2062 इकाइयां)
    - आगरा – दो परियोजनाएं (318 इकाइयां)
    - मेरठ – दो परियोजनाएं (190 इकाइयां)
    - झांसी – एक परियोजना (39 इकाइयां)
    - हाथरस – 1 परियोजना (111 इकाइयां)

    परियोजनाओं के ये नाम
    द प्लेटिनम माल मेरठ, बनारसी दास एस्टेट मेरठ, विहान शापिंग प्लाजा गाजियाबाद, एमरल्ड माल लखनऊ, विंस्टन पार्क-तीन नोएडा, मंगलम शीला (ब्लाक-सी) आगरा, द सिटाडेल लखनऊ, जेपी ग्रींस गार्डन आइल्स नोएडा, जेपी ग्रींस आर्चर्ड्स नोएडा, दिल्ली-99 गाजियाबाद,
    आफिसर सिटी-2 फेज-2 गाजियाबाद, शालीमार सिटी (फेज-2) गाजियाबाद, जीएनबी फेज-2 (द ग्रेट नार्दर्न बाजार) गाजियाबाद, पशुपति’ज द ग्रांडे झांसी, वसुंधरा एस्टेट हाथरस, ग्रीनबे – गोल्फ होम्स नोएडा, साया एस क्लास गाजियाबाद, 32 संख्या ईडब्ल्यूएस (अमलतास) आवास (जी 3) लखनऊ, ग्रांप्रीक्स मेगा सूट्स नोएडा, मंगलम निकेत आगरा, रोलेक्स एस्टेट लखनऊ, गैलेक्टिक सिटी यूनिवर्सल टावर नोएडा।