गलियों की संपति के लिए मुख्य सड़क का नहीं देना होगा सर्किल रेट, पूरे यूपी में एक समान लागू होगा फॉर्मेट
उत्तर प्रदेश सरकार संपत्ति रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने जा रही है। मुख्य सड़क का सर्किल रेट अब गलियों की संपत्तियों पर लागू नहीं होगा। सर्किल रेट के मानकों को घटाकर 15 किया जाएगा, जिससे पूरे प्रदेश में एक समान नियम लागू होंगे। स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और स्टाम्प चोरी जैसे मामले कम होंगे। 31 अक्टूबर तक रजिस्ट्री शाम 6 बजे तक होगी और निबंधन शुल्क का नकद भुगतान भी किया जा सकेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी तय करने को तर्कसंगत बनाने जा रही है। मुख्य सड़क के लिए लागू सर्किल रेट अब 100 मीटर के दायरे में आने वाली गलियों की संपत्तियों के लिए नहीं होगा। इसके लिए सर्किल रेट तय करने के मानकों को 40 से घटाकर 15 करने के साथ ही नियम को सरल बनाकर प्रदेशभर में एक समान फार्मेट लागू किया जाएगा।
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि सिर्फ 15 मानकों के लागू होने से सर्किल रेट की असमानता दूर होगी जिससे प्रदेशभर में एक समान और पारदर्शी रियल एस्टेट व्यवस्था सुनिश्चित होगी। इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। ऐसे में स्टांप चोरी, रजिस्ट्री विवाद और कानूनी मुकदमों में भी कमी आएगी। मंत्री के अनुसार जल्द ही ऐसी व्यवस्था होगी कि कोई भी नागरिक स्वयं अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री बिना किसी की मदद के करा सकेगा। विभागीय वेबसाइट के माध्यम से जमीन का सर्किल रेट खुद देख सकेंगे। आनलाइन आवश्यक विवरण भरकर रजिस्ट्री के लिए स्लाट बुक करा के रजिस्ट्री करा सकेगा।
छह बजे तक होगी रजिस्ट्री, नकद दे सकेंगे निबंधन शुल्क
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि त्योहारों के मद्देनजर इनदिनों संपत्तियों (भवन, भूखंड या फ्लैट आदि) की रजिस्ट्री कराने वालों की स्टांप एवं निबंधन कार्यालयों में भारी भीड़ जुट रही है। चूंकि अभी चार बजे तक रजिस्ट्री के डाक्यूमेंट जमा कर देने वालों की ही रजिस्ट्री हो सकती है इसलिए बड़ी संख्या में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जायसवाल ने बताया कि लोगों को राहत देने के लिए अधिकारियों को 31 अक्टूबर तक छह बजे तक रजिस्ट्री का कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अभी पांच हजार रुपये से ज्यादा निबंधन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन ही किया जा सकता है। ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं कि घंटों सर्वर डाउन होने के कारण लोग आनलाइन निबंधन शुल्क नहीं जमा कर पा रहे हैं जिससे संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। मंत्री ने बताया कि लोगों को राहत देने के लिए 31 अक्टूबर तक निबंधन शुल्क का नकद भुगतान करने की भी छूट देने का निर्णय किया गया है। गौरतलब है कि रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी के साथ ही संपत्ति के मूल्य का एक प्रतिशत निबंधन शुल्क का भुगतान भी करना होता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।