UP Pollution Control Board :उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कर रहा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, पारदर्शिता शीर्ष वरीयता
Uttar Pradesh Pollution Control Board बोर्ड में आखिरी बार भर्तियां वर्ष 2010 में बसपा सरकार में हुईं थीं। कहने को तो उस समय औपचारिकता के नाम पर लिखित परीक्षा बोर्ड ने कराई थी इसके बाद साक्षात्कार कर भर्तियां कर ली गईं थीं। भर्ती में आरोप-प्रत्यारोप लगने के कारण पिछले 15 वर्षों से यहां भर्तियां नहीं हुईं हैं।

शोभित श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने जा रहा है। अब यहां पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा भी होगी। अभी तक यहां भर्तियां केवल इंटरव्यू के आधार पर हो जाती थी। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बोर्ड अब लिखित परीक्षा अनिवार्य करने जा रहा है। यह परीक्षा प्रतिष्ठित संस्था आइआइटी कानपुर से कराने की तैयारी है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति मिल सकती है।
बोर्ड भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार भी कराएगा। बोर्ड का विस्तृत काडर रिव्यू व पद सृजन 1995 में हुआ था। उस समय बोर्ड में कुल 732 पद स्वीकृत हुए थे, इनमें से करीब आधे पद अब रिक्त हो गए हैं। इसके साथ ही बोर्ड ने अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए अपने यहां अधिकारी व कर्मचारियों के 233 नए पद बढ़ने जा रहे हैं। नए पदों के सृजन के बाद इनकी कुल संख्या 965 हो जाएगी। इनमें मुख्य पर्यावरण अधिकारी व पर्यावरण अभियंता से लेकर समूह-ग के भी पद शामिल हैं। ऐसे में नए सृजित होने वाले पदों के साथ ही बोर्ड के रिक्त पदों की भर्तियां नियमावली में संशोधन के बाद लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद होंगी।
बोर्ड में अभी 28 क्षेत्रीय कार्यालय और सात वृत हैं। पांच नए क्षेत्रीय कार्यालय और बनाए जाएंगे इसके साथ ही दो अतिरिक्त वृत्त भी बनाए जाएंगे। नए वृत्त केंद्रीय प्रयोगशाला, ई-वेस्ट व एसटीपी एवं सीईटीपी के लिए बनाए जा रहे हैं। जहां क्षेत्रीय कार्यालय नहीं हैं वहां समर्पित सहायक पर्यावरण अभियंता या फिर सहायक वैज्ञानिक तैनात किए जाएंगे। केंद्रीय प्रयोगशाला एवं 22 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के लिए 25 सहायक वैज्ञानिक अधिकारियों की तैनाती होगी।
बोर्ड में आखिरी बार भर्तियां वर्ष 2010 में बसपा सरकार में हुईं थीं। कहने को तो उस समय औपचारिकता के नाम पर लिखित परीक्षा बोर्ड ने कराई थी इसके बाद साक्षात्कार कर भर्तियां कर ली गईं थीं। भर्ती में आरोप-प्रत्यारोप लगने के कारण पिछले 15 वर्षों से यहां भर्तियां नहीं हुईं हैं।
लोक सेवा आयोग में है भर्ती परीक्षा की लंबी कतार
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन रविन्द्र प्रताप सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्ती परीक्षाओं की लंबी कतार है। वहां भर्ती प्रक्रिया में करीब दो वर्ष लग जाते हैं। जल्दी भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए आइआइटी कानपुर को परीक्षा कराने का जिम्मा देने का प्रस्ताव है। अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति होने से प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण व पर्यावरण संरक्षण के मामलों में निगरानी और आसान हो जाएगी।
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