UP Politics: मिशन 2027 के लिए सरकार-संगठन और संघ की बैठक में गहन मंथन, मुख्यमंत्री आवास पर हुई समन्वय बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर सोमवार की शाम सरकार, संगठन व संघ का शीर्ष नेतृत्व एक साथ बैठा। इस तरह की विशेष समन्वय बैठक अगस्त 2024 के बाद करीब सवा साल बाद हुई। इसमें मिशन 2027 को लेकर गहन मंथन किया गया। विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश में राजनीतिक, संगठनात्मक और प्रशासनिक ढांचे की व्यापक पुनर्समीक्षा अभियान के रूप में यह बैठक देखी जा रही है।
-1764608827694.webp)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर सोमवार की शाम सरकार, संगठन व संघ का शीर्ष नेतृत्व एक साथ बैठा। इस तरह की विशेष समन्वय बैठक अगस्त 2024 के बाद करीब सवा साल बाद हुई। इसमें मिशन 2027 को लेकर गहन मंथन किया गया। विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश में राजनीतिक, संगठनात्मक और प्रशासनिक ढांचे की व्यापक पुनर्समीक्षा अभियान के रूप में यह बैठक देखी जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, यूपी पश्चिम क्षेत्र के प्रचारक महेंद्र कुमार, पूर्वी क्षेत्र के प्रचारक अनिल कुमार, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह मौजूद थे। शीर्ष नेतृत्व की यह मौजूदगी बताती है कि पार्टी आने वाले महीनों में यूपी की राजनीतिक जमीन पर फिर से ‘माइक्रो प्रबंधन’ मोड में उतरने जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि संघ और भाजपा नेतृत्व 2027 के विधान सभा चुनाव से पहले कील-कांटे दुरुस्त कर प्रदेश में एकजुटता और संगठनात्मक कसावट को सुनिश्चित करने में जुट गया है। संघ अपने शताब्दी वर्ष में एक बड़ा हिंदू सम्मेलन करेगा। यह सम्मेलन जनवरी में लखनऊ में आयोजित किया जाना है। आरएसएस के पंच प्रण जिनमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्यों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही गई।
बैठक में सरकार और संगठन द्वारा चल रहे कार्यों की समीक्षा, कुछ नीतिगत व प्रशासनिक प्रश्नों पर तालमेल और आगामी महीनों में जमीनी कार्यशैली को और धार देने के उपायों पर मंथन हुआ। पिछले दो महीनों में आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों के समूहों द्वारा मंत्रियों के साथ हुई अलग-अलग बैठकों के निष्कर्ष भी इसमें शामिल किए गए हैं। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि यह बैठक न केवल चुनावी तैयारियों बल्कि सरकार और संगठन की भावी दिशा को तय करने वाला एक बड़ा संकेत है।
मुख्य बैठक से पहले अरुण कुमार ने भारती भवन में अलग-अलग नेताओं से मुलाकात कर राजनीतिक और संगठनात्मक फीडबैक लिया। उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारकों के साथ बंद कमरे में बैठक की, जिसमें संघ के कार्यों की वर्तमान स्थिति, स्वयंसेवकों की सक्रियता, शाखाओं के विस्तार और सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। समन्वय बैठक में यह भी तय किया गया है जल्द ही निगम, आयोग व बोर्ड में भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।