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    UP Politics: एलबी यादव फिर बने नेता प्रतिपक्ष, अखिलेश ने जताया भरोसा, किरनपाल कश्यप को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

    41 दिनों तक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद आसीन होने वाले लाल बिहारी यादव को एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने उनको यह जिम्मेदारी दी है। जुलाई 2022 में सपा के 10 प्रतिशत से कम सदस्य रह जाने के कारण यह पद लाल बिहारी यादव से छिन गया था। बता दें कि 100 सीटों वाली विधान परिषद में अब सपा के फिर से 10 सदस्य हो गए हैं।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 23 Jul 2024 03:50 AM (IST)
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    अखिलेश यादव और लाल बिहारी यादव। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष बना दिया है। जुलाई 2022 में सपा के 10 प्रतिशत से कम सदस्य रह जाने के कारण यह पद लाल बिहारी यादव से छिन गया था। 

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    100 सीटों वाली विधान परिषद में अब सपा के फिर से 10 सदस्य हो गए हैं, ऐसे में पार्टी ने फिर से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लाल बिहारी यादव को सौंप दी है। किरनपाल कश्यप को मुख्य सचेतक बनाया गया है।

    पहली बार में 41 दिनों का कार्यकाल

    लाल बिहारी यादव वर्ष 2022 में ही 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे। पहली बार उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में मात्र 41 दिनों का ही कार्यकाल मिला था। सात जुलाई 2022 को सपा सदस्यों की उच्च सदन में कम संख्या के कारण हटा दिया गया था। 

    कौन हैं लाल बिहारी यादव?

    शिक्षक कोटे से आने वाले लाल बिहारी यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं। उनका विधान परिषद में कार्यकाल छह दिसंबर 2026 तक है। सपा अध्यक्ष अखिलेश का पत्र पहुंचने पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने लाल बिहारी यादव को नेता विरोधी दल बनाने के आदेश जारी कर दिया।

    वहीं, सपा ने किरनपाल कश्यप को मुख्य सचेतक बनाया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले किरनपाल को पार्टी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। वाराणसी के आशुतोष सिन्हा को सपा ने सचेतक बनाया है। इसी प्रकार मो. जासमीर अंसारी को पार्टी ने उप नेता बनाया है।

    विधानसभा में एक-दो दिनों में तय हो जाएगा नेता प्रतिपक्ष

    विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष तय होने के बाद अब विधानसभा में भी एक-दो दिनों में नेता प्रतिपक्ष तय हो जाएगा। अखिलेश यादव के सांसद बनने के कारण विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त चल रहा है। 

    चूंकि, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष यादव बनाए गए हैं ऐसे में विधानसभा में दलित या अति पिछड़े को यह पद मिल सकता है। इस पद की दौड़ में राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज व राम अचल राजभर का नाम सबसे आगे चल रहा है। 

    अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव का भी नाम चर्चा में है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि विधानमंडल का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है, ऐसे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का निर्णय एक-दो दिनों में हो जाएगा।

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