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    UP Politics : अपमान प्रकरण में बिछी राजनीति की बिसात, तूल पकड़ रहा है इटावा प्रकरण

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 28 Jun 2025 04:09 PM (IST)

    UP Politics सपा मुखिया ने एक्स पर पोस्ट कर उपद्रव की घटना के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने सेट किये हुए ‘प्लांटेड लोगों’ के उपनाम का दुरुपयोग करके उप्र के पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर समाज को बांटने की ‘घुसपैठिया राजनीति’ कर रही है।

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    अपमान प्रकरण में बिछी राजनीति की बिसात

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : इटावा के कथावाचक अपमान प्रकरण में राजनीति जोरों पर है। विधानसभा चुनाव को बिसात बिछाई जा रही है और उससे पहले पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है। ऐसे में राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति के हिसाब से मुद्दे को हवा दे रहे हैं।

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    अखिलेश यादव ने इसे सीधे अपनी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) पर अन्याय के आरोपों की रणनीति से जोड़ा। अब अहीर रेजिमेंट के उपद्रव के बाद, इसके लिए भी भाजपा पर ही निशाना साध रहे हैं। वहीं भाजपा ने भी जातीय संघर्ष की राजनीतिक साजिश का हवाला दे हमला बोल दिया है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक सपा पर जातीय भेदभाव की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं।

    पिछले दिनों इटावा के बकेवर क्षेत्र में कथावाचक मुकटमणि यादव, संत सिंह यादव और उनके साथियों के अपमान की घटना हुई है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ तो सपा प्रमुख ने पत्रकार वार्ता कर घटना के शिकार कथावाचकों का सम्मान किया और प्रदेश सरकार पर जमकर आरोप लगाए। हालांकि उन्होंने चुनावी नफा-नुकसान को लेकर भी सतर्कता बरती।

    घटना में आरोपित लोगों की जाति का उल्लेख करने के बजाय वर्चस्ववादी-प्रभुत्ववादी शब्दों का इस्तेमाल किया। परंतु जब इंडियन रिफार्मर्स आर्गनाइजेंशन और अहीर रेजिमेंट ने इटावा में उपद्रव किया तो गलत संदेश जाने से रोकने के लिए सपा तत्काल सामने आ गई।

    इसके बाद शुक्रवार को भी सपा मुखिया ने एक्स पर पोस्ट कर उपद्रव की घटना के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने सेट किये हुए ‘प्लांटेड लोगों’ के उपनाम का दुरुपयोग करके उप्र के पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर, समाज को बांटने की ‘घुसपैठिया राजनीति’ कर रही है।

    दूसरी तरफ भाजपा ने मामले को भड़काने के लिए सीधे अखिलेश को जिम्मेदार ठहरा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने कहा है कि जातीय संघर्ष को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। यह संघर्ष सुनियोजित राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।

    कुछ दल जनसमर्थन न मिलने के कारण जातीय टकराव पैदाकर अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अखिलेश यादव और सपा दूध में नींबू डालने का काम कर रहे हैं। इटावा की घटना को ब्राह्मण बनाम यादव की लड़ाई के रूप में फैलाना चाहते हैं। समाज को जातिवादी जहर से बांटने की कोशिश की जा रही है।

    वहीं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अखिलेश ने मामले को जातीय रंग देने की कोशिश की। ब्राह्मण समुदाय पर बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया। हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने जाति देखकर अपराध पर प्रतिक्रिया दी है, न कि तथ्यों को जांचकर। इटावा की घटना में नाराजगी संभवतः धोखाधड़ी से है, न कि जाति से। सपा द्वारा इस घटना को जाति और भेदभाव में परिवर्तित कर सनातन धर्म में बंटवारा कराने का कार्य किया जा रहा है।