UP Politics: पिछड़ों-वंचितों के सहारे खुद आगे बढ़ने की जुगत में कांग्रेस, संगठन में न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी की तैयारी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पिछड़ों और वंचितों के सहारे अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी संगठन में इन वर्गों की कम से कम 60% भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी है। कांग्रेस एक नई सामाजिक समीकरण बनाने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

आलोक मिश्र, लखनऊ। कांग्रेस पिछड़ों-वंचितों के सहारे प्रदेश में अपनी खोयी साख पाने की जुगत में है। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग विभाग की प्रदेश कार्यकारिणी में अतिपिछ़ड़ों को 65 प्रतिशत भागीदारी देकर इसका संकेत भी दिया है। कांग्रेस पसमांदा मुस्लिमों को जोड़कर एक खास वर्ग का रुझान भी हासिल करना चाह रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को लग रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटबैंक उसके पाले में ही रहेगा।
कांग्रेस का संगठन सृजन में भी यही फार्मूले है। सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर बढ़ रही कांग्रेस संगठन में पिछड़ों, वंचितों, अल्पसंख्यक व महिला को न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी दे रही है। जबकि जिलों के जातीय समीकरणों को देखते इस हिस्सेदारी काे बढ़ाया भी जाएगा। जिला से लेकर शहर व बूथ स्तर तक की कमेटियों में पिछड़ों-वंचितों की भागीदारी बढ़ाकर पार्टी अपने परंपरागत वोटबैंक को वापस हासिल करने के प्रयास में है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार विभाग की पिछली प्रदेश कार्यकारिणी में अतिपिछड़ों की हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत थी, जिसमें इस बार बढ़ोतरी की गई है। कश्यप, मल्लाह, प्रजापति, बंजारा, नाई, विश्वकर्मा व अन्य जातियों की भागीदारी बढ़ाई गई है।
कांग्रेस खास वर्ग के लोगों के साथ होने वाली घटनाओं को लेकर भी सरकार को घेरने का कोई माैका भी नहीं छोड़ रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत अन्य नेता पीड़ितों के घर पहुंच रहे हैं। पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद भी की जा रही है। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की पीटकर हत्या के मामले में विपक्षी दलों में कांग्रेस नेता सबसे पहले उसके स्वजन से मिलने पहुंचे थे।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचकर हरिओम वाल्मीकि के स्वजन से भेंट की। प्रदेश अध्यक्ष जून माह में सीतापुर में पुलिस प्रताड़ना के शिकार सेवानिवृत्त फौजी विमल कश्यप के आवास व जुलाई में रायबरेली में सुखदेव लोधी की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। ऐसी ही अन्य घटनाओं में मुरादाबाद में किसान चेतन सैनी व बुलंदशहर में अजय शर्मा की आत्महत्या के मामलों व जौनपुर में तिहरे हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। जिला व शहर इकाइ के नेताओं को इसके जरिए सक्रियता बढ़ाने का संदेश भी दिया जा रहा है।
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