UP Politics : पंचायत चुनाव से पहले ताकत बढ़ाने में जुटा अपना दल, वंचित वर्ग के मतदाताओं में पैठ बनाने पर जोर
Apna Dal (S) is in Election Mode अपना दल की पहली नजर वंचित वोट बैंक पर है। माना जा रहा है कि इसी रणनीति के तहत जाटव समाज के जाटव आरपी गौतम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। साथ में महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथियों का कलेंडर तैयार कर दो जुलाई तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : अकेले पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा अपना दल सोनेलाल अपनी ताकत बढ़ाने की कसरत में जुटा है। इसके लिए महापुरुषों के नाम का सहारा लिया जा रहा है। उनसे जुड़ी प्रमुख तिथियों पर आयोजन कर संबंधित जाति के लोगों को जोड़ने की रणनीति बनाई गई है। इसमें भी सबसे ज्यादा जोर वंचित वर्ग के मतदाताओं में पैठ बनाने पर है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में एनडीए का प्रदर्शन पूर्व के मुकाबले कमजोर रहा था। इसमें भाजपा और उसके शामिल अपना दल एस व अन्य दलों को भी बड़ा झटका मिला। अब ये सभी दल खुद को मजबूत करने की पसीना बहा रहे हैं।
इस कोशिश में जुटी अपना दल उसकी पहली नजर वंचित वोट बैंक पर है। माना जा रहा है कि इसी रणनीति के तहत जाटव समाज के जाटव आरपी गौतम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इस कदम को दलित समुदाय को लुभाने की पार्टी की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके साथ में पार्टी ने महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथियों का कलेंडर तैयार कर दो जुलाई तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसमें बिरसा मुंडा व राजमाता जीजाबाई की पुण्यतिथि, रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस, डा. ग्या प्रसाद कटियार, छत्रपति साहूजी महाराज और वीर अब्दुल हमीद की जयंती को शामिल किया गया है। दो जुलाई को डा. सोनेलाल पटेल की जयंती को भी भव्यता से मनाया जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार पाल ने अनुप्रिया और उनके पति आशीष पटेल (उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंत्री) पर उन्हें दरकिनार करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
अपना दल (एस) के सहकारिता विंग के प्रमुख गौतम ने अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है। 60 वर्ष के गौतम सीतापुर के रहने वाले हैं और पिछले दो दशकों से दलित अधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। पार्टी ने गौतम को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब जाटवों की पहली पसंद मानी जाने वाली बहुजन समाज पार्टी का जनाधार पिछले कुछ वर्ष से कम होता जा रहा है।
प्रदेश में जाटव विकल्प की तलाश में हैं, इसलिए अपना दल ने अपना आधार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। राज्य में जाटवों की आबादी 12 प्रतिशत से अधिक है, जो चुनावी राजनीति में प्रभाव पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। आशीष पटेल ने कहा कि यह पहली बार है जब हमने अपनी सोशल इंजीनियरिंग योजना के अनुरूप जाटव को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। हमें अच्छे परिणाम की उम्मीद है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।