पंजीकृत राजनीतिक दल ईमेल, मोबाइल नंबर रखें अपडेट, निर्वाचन अधिकारी ने छह साल से चुनाव न लड़ने वालों को दिया निर्देश
लखनऊ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने छह वर्षों से चुनाव नहीं लड़ने वाले 38 राजनीतिक दलों की सुनवाई की। उन्होंने दलों को अपने ई-मेल मोबाइल नंबर और पंजीकरण विवरण अपडेट रखने के निर्देश दिए। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार दलों को समय पर अंशदान और आय-व्यय की रिपोर्ट जमा करनी होती है। यह सुनिश्चित करना है कि सभी दल नियमों का पालन करें।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। छह वर्षों से किसी भी चुनाव में प्रतिभाग नहीं करने वाले उत्तर प्रदेश के पते पर पंजीकृत 38 राजनीतिक दलों की सुनवाई मंगलवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने की।
उन्होंने निर्देश दिए कि दलों के प्रतिनिधि पार्टी के ई-मेल, मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या और वर्तमान पते को अपडेट रखें। जिससे आयोग के निर्देशों के मुताबिक सही तथ्यों की जानकारी समय से आयोग को उपलब्ध कराया जा सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने छह सालों से चुनाव नहीं लड़ने वाले प्रदेश के पते पर पंजीकृत 121 दलों में से 70 दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मंगलवार को सुनवाई के लिए बुलाया था। जिसमें से 38 दलों के प्रतिनिधि सुनवाई में शामिल हुए।
सुनवाई के दौरान रिणवा ने प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (आडिट) रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरण जैसे दस्तावेजों का परीक्षण किया। इन दलों के मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, वर्तमान पता और ई-मेल की भी जांच की।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक हुई सुनवाई में के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक दल को प्रतिवर्ष 30 सितंबर तक अंशदान रिपोर्ट तथा 31 अक्टूबर तक अपने आय-व्यय की आडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य है।
लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों में तथा विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिनों में पार्टी के आय व्यय का ब्यौरा भी देना है। दलों को चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपये से अधिक के अंशदान की रिपोर्ट भी देनी है।
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