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    UPITS 2025 में यूपी पुलिस का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र, स्मार्ट पुलिसिंग देख विदेशी मेहमान भी हुए प्रभावित

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 07:25 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश जो पहले खराब कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता था पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार के नेतृत्व में स्मार्ट पुलिसिंग के लिए सुर्खियों में है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में यूपी पुलिस के स्टॉल पर भीड़ इस बात का प्रमाण है। स्टॉल में साइबर हेल्प डेस्क पर डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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    यूपी पुलिस का हाईटेक स्टॉल कानून व्यवस्था की बदलती तस्वीर

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश जो वर्ष 2017 से पहले पूरी दुनिया में बदहाल कानून व्यवस्था के लिए कुख्यात था, वही उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों से योगी सरकार के नेतृत्व में स्मार्ट पुलिसिंग और सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए पूरी दुनिया में सुर्खियों में बना हुआ है। इसका ताजा उदाहरण यहां यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो-25 में लगे यूपी पुलिस के स्टॉल पर देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ विदेशी मेहमान का जमावड़े को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है।

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    ट्रेड शो के हाल नंबर चार में उत्तर प्रदेश पुलिस के हाईटेक स्टॉल को देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ रही है। वहीं लोगों में यूपी में स्थापित कानून के राज को जानने और समझने की जिज्ञासा साफ देखी जा रही है। यहां उमड़ी भीड़ यह साबित कर रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते आठ वर्षों में हुए पुलिस सुधारों और स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में उठाए गए कदमों ने युवाओं और आम नागरिकों में गहरी जिज्ञासा पैदा की है।

    यू फीड मशीन से ठगों तक पहुंचना हुआ आसान

    2017 से पहले बदहाल कानून-व्यवस्था के लिए कुख्यात प्रदेश आज सुरक्षा और सुशासन का पर्याय बन गया है। अपराध नियंत्रण से लेकर साइबर सुरक्षा और सड़क सुरक्षा तक, हर क्षेत्र में पुलिस ने तकनीक को अपनाया गया है। यही कारण है कि पुलिस का स्टॉल लोगों के लिए ज्ञानवर्धन और प्रेरणा का केंद्र बन गया है। स्टॉल में सबसे अधिक भीड़ साइबर हेल्प डेस्क पर देखने को मिल रही है।

    यहां उपनिरीक्षक (एसआई) ने छात्रों और युवाओं को विस्तार से समझाया कि डिजिटल अरेस्ट क्या होता है, ऑनलाइन ठगी किस तरह की जाती है और उससे बचने के उपाय क्या हैं। युवाओं की जिज्ञासा खासकर टेलीग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर हो रही ठगी को लेकर रही। कई लोगों ने ने पूछा कि अगर किसी ग्रुप में ऐड होकर ठगी होती है तो कैसे बचें?” इस पर पुलिस ने बताया गया कि यू-फीड मशीन अपराधियों के मोबाइल से तुरंत डाटा निकाल सकती है, जिससे ठगों तक पहुंचना आसान हो जाता है।

    स्पीड राडार गन ने युवाओं को ध्यान अपनी ओर किया आकर्षित

    स्टॉल पर ब्रीद एनालाइजर और स्पीड राडार गन ने युवाओं का ध्यान खूब खींचा। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023 से ब्रीद एनालाइजर मशीन में कैमरे भी लगा दिए गए हैं, ताकि वाहन चालक कोई बहाना न बना सके। युवाओं ने इसे लाइव देखकर जाना कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम में तकनीक कितनी उपयोगी साबित हो रही है। पुलिस की सतर्कता और अपराधियों पर निगरानी के लिए बॉडी वार्म कैमरा और मोबाइल डेटा टर्मिनल को भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। बच्चों और आगंतुकों ने इन्हें हाथ में लेकर समझा कि किस तरह पुलिस वास्तविक समय में अपराधियों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर सकती है।

    यूपी पुलिस के रॉकेट लॉन्चर को देख लोग रह गये अचंभित

    स्टॉल में एटीएस और एसटीएफ के अत्याधुनिक हथियार लोगों में काफी रोमांच पैदा कर रहे। यूपी अधिकारियों ने बताया कि यूपी पुलिस के पास डीआरडीओ निर्मित रॉकेट लॉन्चर भी है, जिसकी मारक क्षमता दो किलोमीटर तक है। युवाओं ने इसे देखकर गहरी रुचि दिखाई और हथियारों की तकनीकी खूबियों के बारे में सवाल किए। वहीं फायर फाइटिंग रोबोट, जिसे आग लगने की स्थिति में उन जगहों पर उपयोग किया जाता है, जहां इंसान का पहुंचना कठिन होता है। इसे देखकर लोग बोले, यह देखकर भरोसा होता है कि योगी राज में पुलिस अत्याधुनिक तकनीक से लैस हो चुकी है। वहीं स्टॉल पर आए छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार पुलिस की तकनीक और उपकरण इतने नज़दीक से देखे। एक छात्र अमित ने कहा कि यह देखकर खुशी होती है हमारी यूपी पुलिस अब केवल अपराध रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीक और सुरक्षा के हर पहलू में आगे है।

    पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार के प्रयासों से यूपी पुलिस बनीं स्मार्ट पुलिसिंग

    - थानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया।

    - साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाए गए।

    - महिला सुरक्षा के लिए 1090 विमेन पावर लाइन, पिंक बूथ, और मिशन शक्ति जैसी योजनाएं लागू की गईं।

    - अपराधियों की त्वरित पहचान और गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी नेटवर्क, आईटीएस प्रणाली और फोरेंसिक तकनीक का विस्तार किया गया।

    - संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए गैंगस्टर एक्ट और एनकाउंटर पॉलिसी को सख्ती से लागू किया गया।

    यूपी पुलिस के स्टॉल बयां कर रहे प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था की गाथा

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद से पुलिसिंग को पूरी तरह से बदलने पर फोकस किया। इन सुधारों के चलते प्रदेश की कानून-व्यवस्था की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। अपराध दर में गिरावट, महिलाओं और व्यवसायियों में बढ़ा हुआ विश्वास तथा निवेश के लिए सुरक्षित माहौल, यह सब योगी सरकार की स्मार्ट पुलिसिंग का परिणाम है। यूपी पुलिस का यह स्टॉल केवल तकनीक का प्रदर्शन नहीं, बल्कि उस बदलाव का प्रतीक है जिसने प्रदेश को बीमारू कानून-व्यवस्था की छवि से निकालकर मॉडल स्टेट की ओर अग्रसर किया है। आज हाईटेक उपकरण, आधुनिक हथियार और प्रशिक्षित पुलिसकर्मी इस बात का प्रमाण हैं कि योगीराज में जनता सुरक्षित है और कानून का राज स्थापित हो चुका है।