लिंग परिवर्तन की इच्छुक महिला सिपाहियों के मामले में नया मोड़- पुलिस महकमा अब इस उलझन में अटका, जानिए मामला
उत्तर प्रदेश पुलिस इन दिनों एक अलग उलझन में है। उसकी दो महिला आरक्षी लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने विभागीय आवेदन के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। हाई कोर्ट ने भी डीजीपी को नियमावली बनाने पर विचार करने व महिला आरक्षी के प्रतिवेदन का गुण दोष के आधार पर निस्तारण कराने का निर्देश दिया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो: उत्तर प्रदेश पुलिस इन दिनों एक अलग उलझन में है। उसकी दो महिला आरक्षी लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने विभागीय आवेदन के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। हाई कोर्ट ने भी डीजीपी को नियमावली बनाने पर विचार करने व महिला आरक्षी के प्रतिवेदन का गुण दोष के आधार पर निस्तारण कराने का निर्देश दिया है।
महिला आरक्षियों के आवेदन शासन को भेजे
पुलिस के सामने अड़चन यह है कि सिपाही पद पर महिला व पुरुष भर्ती में शारीरिक मानक परीक्षा के मापदंड अलग-अलग हैं। पुलिस हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर चुकी है। लिंग परिवर्तन कराकर महिला से पुरुष बनना वैज्ञानिक दृष्टि से कोई अचरज की बात नहीं है। पर, बात पुलिस की महिला आरक्षी की है तो इसमें उनकी भर्ती व सेवा की शर्तें बड़ा महत्व रखती हैं। यही वजह है कि दोनों महिला आरक्षियों के आवेदन शासन को भेजे गए हैं।
मेडिकल बोर्ड गठित किए जाने की तैयारी
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक महिला आरक्षी ने लिंग परिवर्तन संबंधी दिल्ली के निजी चिकित्सक की मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत की है। पुलिस ने दोनों महिला आरक्षियों का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के निदेशक को मेडिकल बोर्ड गठित किए जाने के लिए पत्र लिखा है।
कैसे दूर होंगी अड़चनें?
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि यदि महिला आरक्षी को लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनने की अनुमति दे दी जाए तो उसके उपरांत भर्ती के मानकों व सेवा नियमों को लेकर आने वाली अड़चनों को कैसे दूर किया जाएगा। पुरुष आरक्षी भर्ती के मानक के अनुरूप उसका कद कैसे बराबर होगा। सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार के बाद अंतिम निर्णय हो सकेगा।
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