ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में देश में शीर्ष स्थान हासिल कर यूपी पुलिस बनाई नई पहचान, लखनऊ रहा अव्वल
उत्तर प्रदेश पुलिस ने तकनीक के साथ कदम बढ़ाए और ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में शीर्ष स्थान हासिल कर पुलिस के अभियोजन मुख्यालय ने देश में नई पहचान बनाई।
लखनऊ [आलोक मिश्र]। इच्छाशक्ति और मेहनत किसी को भी शीर्ष पर पहुंचा सकती है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने तकनीक के साथ कदम बढ़ाए और ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में शीर्ष स्थान हासिल कर पुलिस के अभियोजन मुख्यालय ने देश में नई पहचान बनाई। तीन माह की मेहनत के बाद आखिरकार यूपी ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल डेटा फीडिंग में नंबर वन है। गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु व तेलंगाना समेत 13 राज्य पिछले पायदान पर हैं।
आइसीजेएस (इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के तहत देश में कारागार, पुलिस, अभियोजन, कोर्ट व विधि विज्ञान प्रयोगशाला को आपस में जोड़ने की कसरत चल रही है। यह नए जमाने की व्यवस्था की वह तस्वीर है, जिसमें आप थाने, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटे बिना अपने मोबाइल फोन पर सूचनाएं हासिल कर सकते हैं। ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल के जरिये विवेचक को किसी केस में कानूनी सलाह के लिए अपने सवालों को संबंधित अभियोजन अधिकारी तक भेजने, ऑनलाइन जवाब दाखिल करने समेत अन्य सुविधाएं हैं। यानी यह पोर्टल न्याय प्रक्रिया को आसान बनाता है।
यूपी पुलिस के ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल की शुरुआत जनवरी 2019 में हुई थी। लखनऊ व मुरादाबाद में बतौर पायलेट प्रोजेक्ट इसकी शुरुआत तो हुई, लेकिन सफलता नहीं मिली। करीब तीन माह पहले इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया, जिसके बाद सहायक अभियोजन अधिकारी, अभियोजन अधिकारी व ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी स्तर से पोर्टल पर प्रदेश की अदालतों में चल रहे हर केस की यूनीक आईडी केस नंबर रिकार्ड (सीएनआर) से लेकर मुकदमे की तारीख, वर्तमान स्थिति, गवाही, फैसला, वर्तमान कोर्ट से लेकर कोर्ट में केस के रजिस्ट्रेशन से लेकर उससे जुड़ी अन्य सूचनाओं को पोर्टल में दर्ज करने का काम तेजी से बढ़ा।
वर्तमान में ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक सूचनाएं 1,39753 फीड हैं। दूसरे नंबर पर गुजरात की सूचनाओं की संख्या 1,34496 है। सबसे अधिक 14372 सूचनाएं दर्ज करने के मामले में लखनऊ पहले, 14139 सूचनाएं दर्ज कर जयपुर दूसरे व 10535 सूचनाओं के साथ मुरादाबाद तीसरे स्थान पर है।
ई-कोर्ट सर्विस एप
ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर दर्ज सूचनाओं को आप ई-कोर्ट सर्विस एप के जरिए आसानी से देख सकते हैं। यानी केस नंबर रिकार्ड के जरिए आप संबंधित केस में तारीख से लेकर अन्य ब्योरा घर बैठे जान सकते हैं।
पारदर्शिता के साथ बेहतर सुविधा
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया कि ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल के जरिए प्रदेश में चल रहे मुकदमों में पैरवी, गवाही से सरकारी वकीलों की भूमिका की बेहतर मॉनीटरिंग व ग्रेडिंग संभव होगी। पुलिस अधिक मामलों में आरोपितों को सजा दिलाने में कामयाब होगी।
कौन किस पायदान पर
राज्य : सूचनाएं
1. उत्तर प्रदेश : 1,39753
2. गुजरात : 1,34496
3. राजस्थान : 52295
4. तमिलनाडु : 50956
5. बिहार : 35788
6. असम : 31327
7. तेलंगाना : 25450
8. कर्नाटक : 21091
9. दिल्ली : 3719
10. हरियाणा : 1305
11. पुडुचेरी : 496
12.पंजाब : 324
13. मणिपुर : 25
14. आंध्र प्रदेश : पांच