यूपी में अब पुलिस के पास ‘वाहन पोर्टल’ की चाबी, मिनटों में मिलेगी हर गाड़ी की पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश पुलिस को अब 'वाहन पोर्टल' की सुविधा मिल गई है, जिससे वे किसी भी गाड़ी की पूरी जानकारी मिनटों में पा सकेंगे। इससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी क्योंकि पुलिस को वाहन मालिक और पंजीकरण जैसे डेटा तक तुरंत पहुंच प्राप्त होगी। यह चोरी हुए वाहनों को ढूंढने और अपराधियों को पकड़ने में सहायक होगा, साथ ही जांच प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब उत्तर प्रदेश पुलिस को वाहन संबंधी रीयल-टाइम डाटा तक सीधी पहुंच मिल गई है। प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुख्यालय को ‘वाहन पोर्टल’ के नेशनल रजिस्टर तक एक्सेस की अनुमति प्रदान कर दी है।
यानी अब पुलिस अधिकारी किसी भी वाहन का पंजीकरण, स्वामित्व, कर, चोरी या संदिग्ध गतिविधि से जुड़ा पूरा ब्यौरा तुरंत देख सकेंगे। इस फैसले से वाहन चोरी, फर्जी नंबर प्लेट या अपराध में इस्तेमाल होने वाले वाहनों की जांच अब पहले से कहीं तेज और सटीक हो जाएगी।
गुरुवार को प्रमुख सचिव परिवहन अमित गुप्ता ने इस संबंध में परिवहन आयुक्त को पत्र जारी करते हुए डीजीपी मुख्यालय को यूजर आइडी और पासवर्ड जारी करने के निर्देश दिए हैं। यह एक्सेस पुलिस उच्च स्तर के अधिकारियों को अधिकृत किया है, ताकि डेटा का उपयोग जिम्मेदारी और निगरानी के तहत किया जा सके।
डीजीपी मुख्यालय ने 21 नवंबर 2023 को शासन से वाहन पोर्टल के नेशनल रजिस्टर का एक्सेस मांगा था। इसके बाद परिवहन विभाग ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया था कि एनआइसी (दिल्ली) जो वाहन पोर्टल का डाटाबेस संचालित करती है। उसे पुलिस के लिए आवश्यक एपीआइ एक्सेस देने का निर्देश दे।
सभी पहलुओं पर विचार के बाद अब परिवहन विभाग ने यह अनुमति औपचारिक रूप से जारी कर दी है। इस कदम से पुलिस जांच में तकनीकी मजबूती आएगी। अब हर थाना, ट्रैफिक कंट्रोल रूम या अपराध शाखा बिना विलंब के वाहन का पूरा डाटा देख सकेगी।
इससे न केवल चोरी या फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामलों में तुरंत कार्रवाई संभव होगी, बल्कि अपराध नियंत्रण की दिशा में भी यह बड़ा कदम साबित होगा। इस तरह के डिजिटल इंटीग्रेशन से पुलिस जांच को रीयल-टाइम और सटीक बनाया गया है।
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