उत्तर प्रदेश में बुजुर्गों को अब बिना आवेदन मिलेगी पेंशन, योगी सरकार की 'फैमिली आईडी' योजना से नहीं छूटेगा कोई जरूरतमंद
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन प्रक्रिया को सरल कर दिया है। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को अब पेंशन के लिए अलग से आवेदन करने की आवश ...और पढ़ें

बुजुर्गों और जरूरतमंदों को समय पर मिलेगा लाभ
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के वृद्धजनों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पात्र बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने पेंशन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और स्वतः संचालित बनाने के लिए 'फैमिली आईडी' (पारिवारिक पहचान पत्र) को आधार बनाया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा लाई गई इस अभूतपूर्व व्यवस्था से वृद्धों का वर्तमान सरकार पर भरोसा और बढ़ गया है, क्योंकि अब पेंशन सीधे और समयबद्ध तरीके से उनके बैंक खातों में पहुंचेगी।
'फैमिली आईडी' से स्वतः सत्यापन और पेंशन का रास्ता साफ
समाज कल्याण विभाग इस नई और प्रभावी वृद्धावस्था पेंशन योजना को जल्द ही क्रियान्वित करने जा रहा है। योजना को सफल बनाने के लिए सभी जिलों को अगले बीस दिनों के भीतर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार कर विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है।
इस नई प्रणाली के तहत, पात्र वृद्धजनों की पहचान और सत्यापन फैमिली आईडी के माध्यम से स्वतः होगा। फैमिली आईडी में दर्ज आयु और पारिवारिक विवरण के आधार पर पात्र व्यक्तियों की सूची तैयार होगी, जिससे पूरी प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को फैमिली आईडी आधारित सत्यापन को गंभीरता से पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदेश का एक भी बुजुर्ग पेंशन से वंचित न रहे।
60 वर्ष की आयु पूरी होने पर नाम स्वतः शामिल
यह योजना 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्धजनों के लिए एक बड़ी राहत है। इसके तहत, जिन नागरिकों की आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष पूरी होने वाली है, उनके नाम भी पेंशन सूची में स्वतः शामिल हो जाएंगे। यह स्वतः समावेशन (Auto-inclusion) प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि बुजुर्गों को वित्तीय सहायता के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा, “हम प्रदेश के सम्मानित बुजुर्गों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह नई व्यवस्था निराश्रित, वृद्धों और वंचितों के सशक्तिकरण का एक बड़ा प्रयास है।”
एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को नियमित आर्थिक संबल
योगी आदित्यनाथ सरकार पहले से ही प्रदेश में तीन प्रमुख पेंशन योजनाओं (निराश्रित महिला, वृद्धावस्था और दिव्यांगजन पेंशन) के तहत कुल 1,06,17,640 लाभार्थियों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की पेंशन राशि प्रदान कर रही है। यह नियमित आर्थिक संबल जरूरतमंद वर्गों को उनकी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में स्थायी सहायता सुनिश्चित कर रहा है।
रायबरेली के निवासी बुजुर्ग उमानाथ ने नई पेंशन योजना पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से "हमारे जैसे बुजुर्गों को बड़ा सहारा मिलने वाला है।"
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से मिली तत्काल राहत
पेंशन योजनाओं के अतिरिक्त, सरकार ने आकस्मिक परिस्थितियों में भी परिवारों को मजबूत किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत कुल 1,12,875 परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। यह सहायता सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य को मजबूती देते हुए, अचानक आई विपदा की स्थिति में तत्काल राहत सुनिश्चित करती है।
इस 'फैमिली आईडी' आधारित स्वतः पेंशन योजना को उत्तर प्रदेश की ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाला कदम माना जा रहा है, जो वृद्धों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देगा।

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