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    UP Parking Law: योगी सरकार ने बदले पार्किंग के नियम, एक घंटे पार्क किया तो नहीं देना होगा पूरे दिन का शुल्क

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 10 May 2025 01:50 PM (IST)

    पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने नई नियमावली लागू की है। इसके तहत कम समय के लिए गाड़ी पार्क करने वालों को कम शुल्क देना होगा। अब हर घंट ...और पढ़ें

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    एक घंटे की पार्किंग को नहीं देना होगा पूरे दिन का शुल्क

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अनियमित पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम शहरों में लागू की गई नई पार्किंग नियमावली में कम समय से लिए गाड़ी पार्क करने वालों को कम शुल्क चुकाना होगा। नए नियमों में हर घंटे के लिए पार्किंग का शुल्क निर्धारित किया गया है।

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    यह 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम क्षेत्र में दोपहिया के लिए सात रुपये और चार पहिया के लिए न्यूनतम 15 रुपये प्रति घंटा होगा। जबकि 10 लाख से कम जनंसख्या वाले नगर निगम में दोपहिया के लिए पांच रुपये और चार पहिया के लिए न्यूनतम 10 रुपये होगा।

    अब तक लागू व्यवस्था में समय हर घंटे के हिसाब से प्रविधान नहीं किया गया था। ऐसे में अब लोगों को अपने वाहनों की पार्किंग के लिए उतने की समय का शुल्क देना होगा, जितना समय वह वाहन खड़ा रखेंगे।

    शासनादेश भी जारी

    याेगी कैबिनेट ने बीती सात मई को नगर निगम (पार्किंग मानकीकरण, अनुरक्षण एवं संचालन) नियमावली 2025 को स्वीकृति दी है। जिसके बाद इसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार क्रमवार एक घंटे के पार्किंग शुल्क के साथ दो घंटे और 24 घंटे के लिए न्यूनतम एकमुश्त दरें भी तय की गई है।

    इसमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगम क्षेत्र में दो पहिया के लिए दो घंटे का 15 रुपये और 24 घंटे का 57 रुपये तथा चार पहिया के लिए दो घंटे का 30 रुपये और 24 घंटे के लिए 120 रुपये शुल्क होगा। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निगम क्षेत्र में दो पहिया के लिए दो घंटे का 10 रुपये और 24 घंटे का 40 रुपये तथा चार पहिया के लिए दो घंटे का 20 रुपये और 24 घंटे के लिए 80 रुपये न्यूनतम शुल्क होगा।

    हालांकि हर क्षेत्र के लिए पार्किंग प्रबंधन समिति द्वारा दरें निर्धारित की जाएंगी। यह समिति पीक आवर, नान पीक आवर, वीकेंड के लिए अलग-अलग दरें भी तय कर सकती है। नियमावली के अनुसार पार्किंग संचालक को वाहनों ओर श्रेणीवार शुल्क की जानकारी एक बड़े बोर्ड पर पेंट कर प्रदर्शित करनी होगी।