UP Panchayat Chunav 2021: यूपी में कभी भी आरक्षित नहीं रही सींटों का सबसे पहले निर्धारण होगा आरक्षण
UP Panchayat Chunav 2021 पंचायत चुनाव के लिए योगी सरकार ने गुरुवार को आरक्षण नियमावली जारी करते हुए चक्रानुक्रम फार्मूले पर आरक्षित सीटें निश्चित करने ...और पढ़ें

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के गठन यानी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया को कैबिनेट की बाईसर्कुलेशन की मंजूरी के बाद अब इसको लागू करने का एलान हो गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए योगी सरकार ने गुरुवार को आरक्षण नियमावली जारी करते हुए चक्रानुक्रम फार्मूले पर आरक्षित सीटें निश्चित करने का निर्णय लिया। जो पद गत पांच चुनावों में कभी आरक्षण के दायरे में नहीं आए, उनको प्राथमिकता के आधार पर आरक्षित किया जाएगा। साथ ही वर्ष 2015 में जो पद जिस वर्ग में आरक्षित था, इस बार उस वर्ग में आरक्षित नहीं रहेगा। यानी आरक्षण के चक्रानुक्रम में आगे बढ़ा जाएगा।
पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को आरक्षण अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पुनर्गठन व परिसीमन के बाद 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों व 58,194 ग्राम पंचायतों में वार्डों का गठन किया जा चुका है। वर्ष 1995 से अब तक हुए पांच चुनावों को ध्यान में रखते हुए चक्रानुक्रम आरक्षण लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कभी आरक्षित नहीं रही सीटों को आरक्षण में वरीयता दी जाएगी।
प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से दो (बागपत व शामली) कभी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रहीं। इस बार उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा। इसी तरह प्रदेश में तीन जिला पंचायतें (कुशीनगर, देवरिया व बलिया) कभी पिछड़ा वर्ग के लिए तथा सात जिला पंचायतें कभी महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं रहीं। इस बार इन जिला पंचायतों में छूटे आरक्षण की पूर्ति की जाएगी। क्षेत्र व ग्राम पंचायतों में भी छूटे आरक्षण को नियमानुसार पूरा किया जाएगा।
अब तय होगा जिला पंचायतों का आरक्षण : अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश की 75 जिला पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण व आवंटन शुक्रवार को किया जाएगा। साथ ही ब्लाक प्रमुख पदों के लिए जिलेवार आरक्षण घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा निदेशक स्तर पर ग्राम प्रधानों के पदों का जिलेवार आरक्षण तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत में वार्डों का आरक्षण व आवंटन और ब्लाक प्रमुख पदों का आवंटन, बीडीसी सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों का आरक्षण व आवंटन, ग्राम प्रधान पदों का आवंटन तथा ग्राम पंचायत सदस्यों के वार्डों का आरक्षण व आवंटन जिलाधिकारी स्तर से होगा।
छह दिन में दर्ज करानी होगी आपत्ति : अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 15 फरवरी तक मध्य जिला पंचायतों का आरक्षण व आवंटन और ब्लाक प्रमुख पदों का आरक्षण जारी कर दिया जाएगा। इसी क्रम में जिलों में 20 फरवरी से दो मार्च तक ग्राम प्रधान, ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों को आरक्षण व आवंटन कार्य पूरा होगा। आरक्षण व आवंटन जारी होने के छह दिन के भीतर आपत्ति दर्ज करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपत्तियां लिखित रूप में संबंधित अधिकारियों को देनी होंगी। आपत्तियों का निस्तारण दो दिन में करना होगा। आगामी 16 मार्च तक अंतिम सूची जारी कर दी जाएंगी। जिलों में आपत्ति निस्तारण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत व जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य होंगे।
अनुसूचित जनजाति वर्ग से कोई जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं : वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आरक्षण लागू किया जाएगा। किसी भी जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी पर्याप्त नहीं होने कारण 75 जिलों में एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष इस वर्ग से नहीं होगा। अलबत्ता पांच ब्लाक प्रमुख व 330 ग्राम प्रधानों के पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। पांच ब्लाक प्रमुखों में दो सोनभद्र जिले से और बलिया, देवरिया व कुशीनगर में एक-एक प्रमुख अनुसूचित जनजाति वर्ग से होगा।
25 महिलाएं होंगी जिला पंचायत अध्यक्ष : उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से 25 में महिला अध्यक्ष चुनी जाएंगी। वहीं 16 में अनुसूचित जाति और 20 ओबीसी जिला पंचायत अध्यक्ष होंगे। 27 सीटें अनारक्षित रहेगी। इसी तरह 826 ब्लाक प्रमुखों में से पांच अनुसूचित जनजाति, 171 अनुसूचित जाति तथा 223 पिछड़ी जाति से होंगे। ग्राम प्रधानों के 58,194 पदों में से 330 अनुसूचित जनजाति, 12045 अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति वर्ग के लिए 15,712 आरक्षित होंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।