UP: लखनऊ में पोषण वाटिकाएं खुद कुपोषण का शिकार, रखरखाव का अभाव
Lucknow News: इटौंजा के ग्राम पंचायत जलालपुर की पोषण वाटिका में घास व झाड़ियां ही नजर आ रही हैं। मजरा बसेना गांव के निकट परती जमीन पर पोषण वाटिका का कई साल पहले निर्माण हुआ थ, लेकिन यहां अब घास व झाड़ियां ही नजर आ रही हैं।

जलालपुर की पोषण वाटिका में घास व झाड़ियां
जागरण टीम, लखनऊ: आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों के कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से शुरू हुईं पोषण वाटिकाएं अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई हैं। इन पोषण वाटिकाओं का रखरखाव नहीं हो रहा है।
पोषण वाटिकाओं में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पोषण वाटिकाओं में जिसमें जैविक खाद का उपयोग कर मौसमी फल व सब्जियां उगाई जानी थी। जिसके लिए बजट भी दिया गया लेकिन अनदेखी व जानकारी भाव के चलते पोषण वाटिका खुद की कुपोषण का शिकार हो गई।
काकोरी विकास खंड में कुल 226 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिसमें 27 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित की गई हैं। इसका बजट भी जारी किया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पोषण वाटिकाएं बदहाल हैं। पहिया आजमपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र की पोषण वाटिका कबाड़ में बदल गई है। पोषण वाटिका में कूड़ा भरा हुआ है। संचालिका रूबी रावत ने बताया कि दो माह पूर्व पैसा मिला है। पोषण वाटिका बनाई गई थी, लेकिन परिसर में पेड़ों की कटान हुई ताे पूरी वाटिका चौपट हो गई है।
मुजफ्फरनगर पलिया आंगनबाड़ी केंद्र की वाटिका भी यहीं हाल है। चिलौली आंगन बाडी केंद्र पर बनी पोषण वाटिका में पानी भर गया था। अब दोबारा फिर से नई वाटिका बनाई गई है। वहीं, दशहरी गांव में बजट न आने से पोषण वाटिका नहीं बन सकी है। इटौंजा के ग्राम पंचायत जलालपुर की पोषण वाटिका में घास व झाड़ियां ही नजर आ रही हैं।
मजरा बसेना गांव के निकट परती जमीन पर पोषण वाटिका का कई साल पहले निर्माण हुआ था, लेकिन यहां अब घास व झाड़ियां ही नजर आ रही हैं। पोषण वाटिका का जो बोर्ड लगा था। वह भी गायब है। पौधे जो लगाए गए थे, उनका भी कहीं पता नहीं है। पोषण वाटिका का निर्माण सिर्फ कागजी पन्नों में ही दर्ज होकर रह गया।

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