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    UP News: सहभागिता योजना की राशि के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार, अब प्रतिमाह इस तारीख को सीधे खाते में आएगी

    By Anand MishraEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Wed, 03 May 2023 11:07 PM (IST)

    UP News निराश्रित गोवंश के सरंक्षण एवं उनके भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही धनराशि नई व्यवस्था के तहत सहभागिता योजना के लाभार्थियों का हर माह सत्यापन होगा और प्रत्येक माह की पांच तारीख को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि भेज दी जाएगी।

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    हभागिता योजना की राशि प्रतिमाह 5 तारीख को सीधे खाते में आएगी

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ : निराश्रित गोवंश के सरंक्षण एवं उनके भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही धनराशि से जड़ी पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और इससे जुड़ी विसंगतियों को दूर करने के लिए पूरी व्यवस्था को केंद्रीकृत किया गया है। नई व्यवस्था के तहत सहभागिता योजना के लाभार्थियों का हर माह सत्यापन होगा और प्रत्येक माह की पांच तारीख को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि भेज दी जाएगी। पशुपालन निदेशालय द्वारा सीधे पशुपालक के खाते में भेजी जाने वाली धनराशि से फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी।

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    अपर निदेशक जेपी वर्मा ने बताया कि निराश्रित गोवंश के भरण पोषण के लिए उपलब्ध कराई जा रही धनराशि की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सेंट्रल प्रोजेक्ट मानीटरिंग यूनिट (निराश्रित गोवंश संरक्षण) का गठन किया गया है। नई व्यवस्था से तहत अब निदेशालय स्तर से डीबीटी के माध्यम से सीधे गो-आश्रय स्थलों और सहभागिता योजना के लाभार्थियों को राशि भेजी जाएगी।

    उन्होंने स्वीकारा कि सहभागिता योजना से जुड़े मामलों में लगातार शिकायतें आ रहीं थी। बता दें कि प्रदेश में 11.33 लाख निराश्रित गोवंश हैं, इनमें 1.77 लाख गोवंश सहभागिता योजना के तहत पशुपालकों को उपलब्ध कराए गए हैं। निराश्रित गोवंश के लिए सरकार प्रतिमाह, प्रति गोवंश 900 रुपये की राशि उपलब्ध कराती है।

    कुछ ऐसे काम करेगा सिस्टम

    गौ आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश अथवा मुख्यमंत्री निराश्रित-बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत सुपुर्दगी में दिए गए गोवंश का प्रत्येक माह की 25 से 28 तारीख के माध्य ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं लेखपाल के द्वारा सत्यापन किया जाएगा और सत्यापन रिपोर्ट संयुक्त हस्ताक्षर से विकास खंड कार्यालय में उपलब्ध कराई जाएगी।

    इसके बाद पशु चिकित्साधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापन रिपोर्ट 30 तारीख तक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में आनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रेषित की जाएगी। एक से तीन तारीख के बीच मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा रिपोर्ट पशुपालन निदेशक को प्रेषित की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर गोवंश के भरण-पोषण के लिए धनराशि प्रत्येक माह की पांच तारीख को डीबीटी के माध्यम से पशुपालन निदेशालय द्वारा सीधे भेजी जाएगी।