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    UP News: यूपी के युवाओं को विदेश भेजेगी योगी सरकार, एआई से लेकर खेती तक मिलेगी हाईटेक ट्रेनिंग

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 08:16 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक और कृषि, हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में कुशल बना रही है। उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग देश-विदेश की संस्थाओं और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की मदद से दी जा रही है, जिसमें युवाओं को विदेश भी भेजा जाएगा। टाटा समूह की मदद से आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को आधुनिक बनाया जा रहा है।  

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिसिस जैसे आधुनिक क्षेत्रों से लेकर पारंपरिक क्षेत्रों जैसे कृषि और हस्तशिल्प तक में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग देश-विदेश की प्रमुख संस्थाओं और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की मदद से दी जाएगी। 

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    आवश्यकता के अनुसार सरकार चयनित युवाओं को विदेश भेजकर भी ट्रेनिंग दिलवाएगी। हाल ही में भारत दौरे पर आए विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान यूपी की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता की सराहना की। 

    इससे प्रेरित होकर अब सरकार युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए सरकारी आईटीआई संस्थानों को टाटा समूह की मदद से आधुनिक बना रही है। अब तक 149 आईटीआई अपग्रेड हो चुके हैं और 60 और संस्थानों पर काम जारी है। 

    अब इस पहल को पालिटेक्निक कालेजों में भी विस्तार दिया जा रहा है। पहले चरण में 45 पॉलिटेक्निक कॉलेज चुने गए हैं, जहां आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी और एआई, रोबोटिक्स जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। 

    वहीं, एआई प्रज्ञा से प्रदेश के 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। बुंदेलखंड और पूर्वी यूपी की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए विश्व बैंक की मदद से 'यूपी एग्रीज योजना' चलाई जा रही है। 

    इसके तहत 10 लाख किसानों को उत्पादन बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी और 500 किसानों को विदेश भेजा जाएगा। यह कार्यक्रम कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और राजस्व जैसे विभागों के समन्वय से संचालित किया जा रहा है।

    अब तक 25 लाख युवा हो चुके हैं प्रशिक्षित

    आईटीआई और कौशल विकास मिशन के जरिये अब तक 25 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जिनमें से 10.20 लाख को रोजगार भी मिला है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पारंपरिक कामगारों को न सिर्फ प्रशिक्षण दिया गया, बल्कि उन्हें टूलकिट भी मुहैया कराई गई। 

    अब तक 3.68 लाख से ज्यादा लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। वहीं, 'स्वरोजगार संगम योजना' के तहत 22 हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं। युवाओं को इन उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षित किया जाएगा।