UP News: उत्तर प्रदेश में 1.68 लाख शिक्षामित्र-अनुदेशक देख रहे राहत की राह, सीएम योगी की घोषणा से जगी आस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है जिससे प्रदेश के 1.68 लाख कर्मचारियों में उम्मीद की लहर है।टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को बेहतर वेतन की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बगैर टीईटी वाले शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। सरकार जल्द ही इस मामले में ठोस निर्णय ले सकती है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के 1.68 लाख शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की उम्मीद बढ़ गई है। इनके मानदेय बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है। शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार सकारात्मक फैसला लेगी। अब कमेटी की रिपोर्ट का सभी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश में इस समय 1,43,450 शिक्षामित्र और 25,223 अनुदेशक कार्यरत हैं। इन्हें फिलहाल 10 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है। इनमें से करीब 60 हजार शिक्षामित्र टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण कर चुके हैं।
इन शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि उनकी योग्यता और मेहनत को देखते हुए सरकार मानदेय बढ़ाने का बड़ा निर्णय करेगी। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्यता कर दी है।
इस आदेश से बगैर टीईटी वाले शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। वे अपनी नौकरी और भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। वहीं, टीईटी पास शिक्षामित्रों को भरोसा है कि योग्यता आधारित नीति के तहत उन्हें वरीयता और बेहतर मानदेय मिलेगा।
सभी का मानना है कि सरकार कमेटी की रिपोर्ट के बाद जल्द ही ठोस निर्णय लेगी। इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता भी सुदृढ़ होगी।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार मानदेय में बढ़ोतरी कर शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।