Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News : सभी शिक्षकों को करना होगा ‘निपुण प्लस एप’ डाउनलोड, कक्षा एक से आठवीं तक के सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:23 PM (IST)

    Mipun Plus App Compulsory for All Teachers of Class 1 to 8 ‘निपुण प्लस एप’ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी निपुण भारत मिशन का डिजिटल टूल है। इस एप के जरिये शिक्षकों को विद्यार्थियों की कक्षा-वार और विषय-वार सीखने की स्थिति का आकलन करना होता है। यह एप बच्चों की सीखने की गति को मापने का डिजिटल साधन है।

    Hero Image
    सभी शिक्षकों को करना होगा ‘निपुण प्लस एप’ डाउनलोड

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए अब सभी शिक्षकों को ‘निपुण प्लस एप’ डाउनलोड करना होगा।

    पहले यह एप ‘निपुण लक्ष्य एप’ के नाम से केवल कक्षा एक से तीन तक के लिए सीमित था, लेकिन अब इसे कक्षा एक से आठवीं तक के सभी विषयों और सभी शिक्षकों के लिए आवश्यक कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ‘निपुण प्लस एप’ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी निपुण भारत मिशन का डिजिटल टूल है। इस एप के जरिये शिक्षकों को विद्यार्थियों की कक्षा-वार और विषय-वार सीखने की स्थिति का आकलन करना होता है।

    इसके आधार पर यह पता चलता है कि बच्चा न्यूनतम अधिगम स्तर (फाउंडेशन लर्निंग लेवल) तक पहुंच पाया है या नहीं। यह एप छात्रों की बुनियादी साक्षरता के साथ संख्यात्मकता (FLN) में दक्षता का आकलन करने में शिक्षकों की सहायता करता है। इसका उद्देश्य छात्रों को उनकी शैक्षिक प्रगति के अनुसार सहायता प्रदान करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।

    कक्षा एक से तीन में हिंदी और गणित, कक्षा चार और पांच में हिंदी, गणित, अंग्रेजी और पर्यावरण अध्ययन (ईवीएस), कक्षा छह से आठ में हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को शामिल किया गया है। हर कक्षा के बच्चों को विषयवार प्रश्न हल करने होंगे और शिक्षक उसकी जानकारी एप पर दर्ज करेंगे। यह एप बच्चों की सीखने की गति को मापने का डिजिटल साधन है।

    शिक्षक हर विद्यार्थी की प्रगति पर वास्तविक समय में रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं। कक्षा-वार अधिगम की कमी ( लर्निंग गैप) पहचानने और उसे भरने में मदद मिलेगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का कहना है कि बच्चों के नियमित मूल्यांकन से यह पता चलेगा कि वह कितना सीख रहे हैं, कहां सुधार की जरूरत है। इससे शिक्षक उन कमियों को दूर कर सकेंगे।